script35 साल बाद भी यूपी में किसानो को पानी नहीं दे पा रही सरयू नहर परियोजना | Saryu Canal Project not able to provide water to farmers in UP | Patrika News

35 साल बाद भी यूपी में किसानो को पानी नहीं दे पा रही सरयू नहर परियोजना

locationबस्तीPublished: Jun 13, 2018 08:27:46 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

1982 में शुरू की गई सरयू नहर परियोजना अपना आकार सरकारों की उदासीनता और धन के अभाव में तो नहीं ले सकी

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35 साल बाद भी यूपी में किसानो को पानी नहीं दे पा रही सरयू नहर परियोजना

बस्ती. किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह के सपने को साकार करने के लिए वर्ष 1982 में शुरू की गई सरयू नहर परियोजना अपना आकार सरकारों की उदासीनता और धन के अभाव में तो नहीं ले सकी लेकिन अंधकार में जरूर चली गई है। घाघरा व राप्ती से कई जिलों को निजात दिलाते हुए बाढ़ रोकने और लम्बी नहरों का जाल बिछाकर खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए इस योजना को अमल में लाया गया।
बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा बस्ती , संतकबीर नगर व गोरखपुर तक 9205 किलोमीटर लम्बी नहरें बननी थीं। डुमरियागंज, उतरौला, अयोध्या व गोला में पम्प नहर बनाने के साथ-साथ 3600 नलकूपों को भी स्थापित करने का सपना है। साथ ही नौ हजार किलोमीटर ड्रेन बनाकर हर खेत तक पानी देना था।
12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली खेतों में हरियाली तो नहीं बिखरी, मगर योजना धन के अभाव में फाइलों में कैद हो गई। हिस्सेदारी के तहत दस प्रतिशत प्रदेश सरकार को और नब्बे प्रतिशत भारत सरकार को धन देना था। सरकारें आई और गई, लेकिन चौधरी चरण सिंह के इस सपनेको साकार करने की फुर्सत किसी को नहीं मिली। वर्ष 2010 में 72 सौ करोड़ की संशोधित परियोजना फिर बनी। लेकिन धन नहीं मिला।
जिम्मेदार बताते हैं कि एडवांस एंट्रीगेशन वेनफीट प्रोग्राम के तहत भारत सरकार को विश्व बैंक की सहायता से परियोजना को मूर्त रूप देना है। कहते हैं कि कुछ धन परियोजना के शुरूआती दौर में अवमुक्त भी हुआ। जिसके तहत सातखंडों में बटे सरयू नहर खंड के अभियंताओं ने मनमाना टेंडर निकाल चहेतों को काम सौंपा और धन का बंदरबांट कर गए। उदाहरण स्वरूप नहर खंड चार बस्ती में पांच करो? का टेंडर आनन फानन में विभाग ने मई 11 में निकाला। जिसके तहत कुल 11 छोटी नहरों के लिए काम होना था। अभियंताओं ने कमीशनखोरी कर चहेतों को यह काम सौंप दिया। इस मामले की एक जांच चल रही है।
परिणाम स्वरूप परियोजना का काम तो ठप हो ही गया है। प्रदेश व केन्द्र सरकार धन देना भी गवारा नहीं कर रहे हैं। शुरूआती दौर में 67 करो? रुपये की बनी यह परियोजना अब 1100 करो? तक पहुंच गई है। बीजेपी के विधायक संजय सिंह ने सरयू नहर परियोजना मे भ्रष्टाचार की शिकायत शासन मे भी की है और मांग की है कि किसानो के खेतो मे सरयू नहर का पानी जल्द से जल्द पहुंचाया जाये
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