script16 दिन से आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी ने मुंडवाया सिर, मूक दर्शक बने अधिकारी | Social worker Protest against Yogi Government from 16 days | Patrika News

16 दिन से आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी ने मुंडवाया सिर, मूक दर्शक बने अधिकारी

locationबस्तीPublished: Mar 26, 2018 12:10:50 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

डीएम आफिस पर 8 मार्च से जारी है आमरण अनशन

Protest

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बस्ती. यूपी के बस्ती में 2016 में टूटे अमहट पुल का निर्माण शुरू नहीं होने पर और नेताओं के भूले वादों से आहत समाजसेवी चंद्रमणि पाण्डेय ने पिछले 16 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे। बावजूद उसके भी किसी अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया इससे नाराज चंद्रमणि ने अपना सिर मुंडवाकर फिर से धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि जो वादा करके भूल जाते हैं उन्हें जनता की दिक्कत से कोई लेना देना नहीं है।

बता दें कि वोट लेने के लिए सभी नेताओं ने पुल बनाने का वादा किया था। मगर, सत्ता में आते ही सभी अपना वादा भूल गए। 18 दिन से डीएम कार्यालय में चंद्रमणि अनशन कर रहे हैं। जहां दो बार उनकी तबियत भी खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया जा चुका है। उसके बाद भी वे अनशन पर डटे हैं। अब चन्द्रमणि की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है और उधर अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।

अनशनकारी चन्द्रमणि के मांगपत्र मे जनपद के प्रमुख चौराहों पर आए दिन होने वाली मौतों के रोकथाम के लिए अंडरपास निर्माण, अमहट पुल निर्माण, द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के तहत पेंशन, किसानों की खुशहाली हेतु जंगली छुट्टा जानवरों से फसल की सुरक्षा देने के साथ-साथ नहरों में पानी देने व किसानों का बकाया विद्युत बिल को माफ करने की मांग को लेकर 8 मार्च से जारी आमरण अनशन के 18वें दिन डीएम को मांग पत्र सौंपा।
धरनारत चन्द्रमणि पाण्डेय ने कहा कि किसानों की खुशहाली के नाम पर आई योगी और मोदी सरकार एक अदद पुल नहीं बनवा पा रही है। जिम्मेदारी भरे मंच से घोषणा तो कर देते मगर उस अमल नहीं करते। बस्ती शहर में आने वाले अमहट पुल के टूट जाने से सैकड़ों गांव के लोग अतिरिक्त 10 किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर हैं, जिससे आए दिन शहर के प्रवेश पर जाम की समस्या बनी रहती है।
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