हामिद अशरफ बस्तीके कप्तानगंज का रहने वाला है। पहली दफा वह अप्रैल 2016 में सुर्खियों में आया था, जब उसे पुरानी बस्ती से सीबीआई बेंगलुरु ने ई-टिकट के अवैध कारोबार के मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि जल्द ही वह जमानत पर रिहा हो गया, जिसके बाद वह नेपाल, दुबई व बेंगलुरु से ठिकाने बदल बदल कर रेल टिकट के अवैध सॉफ्टवेयर का कारोबार संचालित कर रहा था। इस अवैध कारोबार से ही उसने अकूच संपत्ति जुटा ली थी। बाद में वह टेरर फंडिंग भी करने लगा। जनवरी 2019 में इसकी जानकारी देते हुए डीजी आरपीएफ अरुण ने दिल्ली में बताया था कि अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए ई-टिकट से कमाई गई रकम को टेरर फंडिंग में प्रयोग किया जा रहा है। इस गैंग का सरगना बस्ती जिले का रहने वाला मो. अशरफ हामिद है।
तभी से अशरफ व उसके गैंग को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमों ने कई राज्यों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इस गिरोह की कमर तोड़ते हुए पुलिस ने उसके करीबी रहे सलमान व शमशेर सहित मेन कैशियर मनोज महतो के साथदर्जनों लोगों को देश के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया। अशरफ के कप्तानगंज स्थित उसके घर में हाल ही में छापामारी की गई। जहां से पुलिस को करोड़ों रुपए की संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और 15 बैंक खाते पकड़े थे। यह सभी खाते फ्रीज किए जा चुके हैं। इन खातों में तीस लाख से अधिक नकदी है।