दरअसल, एसपी ऑफिस में शौचालय न होने की वजह से फरियादियों खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इस समस्या को देखते हुए एसपी ने नगर पालिका से शौचालय निर्माण की डिमांड की थी। जिसके बाद नगर पालिका ने 14वें वित्त आयोग से 11 लाख 28 हजार रुपये में दस सीटर शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी। जिसका टेंडर मेसर्स दर्पण एसोसिएट्स की मिला। वहीं अब शौचालय निर्माण में मानक के विपरीत सामग्री उपयोग करने को बात सामने आ रही है। दरअसल शौचालय निर्माण में अव्वल ईट और सेमी ईट को मिलाकर काम कराया जा रहा है। जिससे उसकी गुणवत्ता में कमी आ रही है। कार्यदायी संस्था खुलेआम निर्माण में धांधली कर रही है। अब सवाल ये है कि आखिर जेई और एई की निगरानी में ये गड़बड़झाला कैसे हो जा रहा है।
इस बाबत जब नगर पालिका ईओ मणिभूषण तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल इस तरह के किसी भी धांधली की जानकारी नही है। उन्होंने बताया कि सभी निर्माण सामग्री की एक्सईन पीडब्लूडी द्वारा जांच किया जाता है। वहीं इसमें जिस ईट का प्रयोग होता है उसकी गुणवत्ता की जांच पहले इंजीनियरिंग कॉलेज में की जाती है। ईओ ने कहा कि फिलहाल हम इसकी जांच कराएंगे।
BY- Satish Srivastava