जी हां ऐसी ही एक हकीकत से सामना हुआ बस्ती जिले के कुदरहा विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत माझा कला में। यहां का बैरियर पुरवा पुरवा घाघरा नदी के तट पर टांडा घाट के पास बसा है। इस पुरवे के कुल 45 परिवार के लोग रहते हैं। पांच सौ से अधिक आबादी वाले इस पुरवे के लोगों को मुख्य बाजार पहुंचने के लिए भी अपनी जान पर दांव लगाना पड़ता है। मुख्य बाजार पहुंचने के लिए सिर्फ एकी ही रास्ता है। बिना नदी पार किये उस पार जाना संभव नहीं है। लेकिन जर्जर पुल होने के कारण लोगों को हर रोज मौत के मुंह से होकर गुजरना पड़ता है।
कलवारी-टांडा से माझा कला के बैरियरपुरवा जाने वाले मार्ग पर बना लकड़ी का पुल अब ढहने के कगार पर है। पुल के तकरीबन सभी पटरे उखड़ गड़े हैं। जो बचे भी हैं वो हिलते हैं। किसी के आने जाने की छोड़िए तेज हवाओं के झोंके भी पुल को विचलित कर देते हैं। लोग इस समस्या से हर रोज दो चार हो रहे हैं। बावजूद इसके न तो किसी भी जनप्रतिनिध ने और न ही किसी अधिकारी ने कभी लोगों कि इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया।
कलवारी-टांडा से माझा कला के बैरियरपुरवा जाने वाले मार्ग पर बना लकड़ी का पुल अब ढहने के कगार पर है। पुल के तकरीबन सभी पटरे उखड़ गड़े हैं। जो बचे भी हैं वो हिलते हैं। किसी के आने जाने की छोड़िए तेज हवाओं के झोंके भी पुल को विचलित कर देते हैं। लोग इस समस्या से हर रोज दो चार हो रहे हैं। बावजूद इसके न तो किसी भी जनप्रतिनिध ने और न ही किसी अधिकारी ने कभी लोगों कि इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया।
बैरियरपुरवा गांव के दीवानचंद, भोला, बुझारत, प्रकाश, राजू, वेद ने बताया कि पांच वर्ष पहले उन लोगों ने जनसहयोग से पुल की मरम्मत कराई थी। दो वर्ष से पुल का पूर्वी हिस्सा गिरने की स्थिति में आ गया है। कोई और विकल्प न होने से इसी रास्ते से आना-जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि एक बार पुल की मरम्मत कराई गई थी। स्थानीय विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है। लेकिन किसी ने भी उनकी दिक्कत का हल नही किया, जिले के अफसर भी इस गॉव में आज तक नही आये जिस वजह से यह गाँव एक संपर्क मार्ग के लिए तरस रहा।
50 साल पहले हुआ था निर्माण ग्रामीण कहते है कि पचास साल पहले इस लकड़ी के पुल का निर्माण हुआ था। उस समय इसी मार्ग से लोग नदी घाट पर जाकर नाव से टांडा जाते थे। समय-समय पर इस पुल की मरम्मत भी होती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों से प्रशासन की लापरवाही ने निराश कर दिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी अधिकारी कहते हैं कि इस इलाके में सरयू नदीं पर पुल बनाने की मांग सालों से चल रही थी। जिसे पूरा कर लिया गया है। पुल की स्थिति ठीक नहीं है। कोशिस करके इसे जल्द दुरूस्त कराया जाएगा।