महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने शव को चारपाई पर रखा और डीएम से मिलने उनके आवास की ओर बढ़े जा रहे थे। पुलिस को सूचना मिली तो सीओ सिटी, सीओ रुधौली, सीओ कलवारी सहित कटरा, सिविल लाइंस आदि मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने ग्रामीणों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया। इससे लोगों का गुस्सा और बढ़ा गया। ग्रामीणों ने शव को एसपी कार्यालय के पास हीसड़क पर रख दिया और जमकर हंगामा काटा। वहां हंगामा और आक्रोश बढ़ता देखकर एसडीएम सदर व पीएसी के जवान भी पहुंच गए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने नाराज ग्रामीणों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो लोग मानने को तैयार नहीं थे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही।
खबर मिलने पर बस्ती सदर विधायक दयाराम चौधरी पहुंच गए, जिसके बाद परिजनों, रिश्तेदारों और गांव वालों ने मुंडेरवा एसओ पर दो लाख रुपये न देने पर युवक को फर्जी फंसाने का आरोप लगाया। गांव वाले थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की जांच कराने की मांग पर अड़े रहे। विधायक ने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन गांव के लोग थाना प्रभारी के तत्काल निलंबन की मांग पर अड़े रहे। देर रात विधायक ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे।
ये है पूरा मामला बीते एक अगस्त को मुंडेरवा थानाक्षेत्र के परसा हज्जाम गांव में उमेश चौधरी नाम के युवक की फंदे से लटकती लाश मिला थी। पुलिस ने बाद में हत्या का मुकदमा दर्ज कर मृतक की पत्नी सोनी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में गांव के ही मुरली चौधरी नाम के युवक को भी उमेश का हत्यारोपी बनाया गया। उसके पिता रामसुमेर का दावा है कि मुरली की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने फंसरी काटकर उमेश को नीचे उतारा था। पुलिस ने उल्टे उसे ही हत्या का मुल्जिम बना दिया है। इतना ही नहीं इस मामले में मुंडेरवा के प्रभारी निरिक्षक पर रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए कहा कि रकम नहीं दे पाने पर उनके बेटे को घटना के एक महीने के बाद दो सितम्बर को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसका सदमा उनकी बहू बर्दाश्त नहीं कर पायी। सोमवार को इलाज के दौरान उसने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया।
By Satish Srivastava