मुख्यमंत्री ने इस दौरान केन्द्र की मोदी सरकार और सूबे की बीजेपी सरकार को किसान हितैषी बताते हुए विपक्षी दलों पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने किसानों और युवाअें की फिक्र को दरकिनार कर चीनी मिलों को बेच दिया और आज किसानों की बात कर रहे हैं। इसके उलट हमारी भाजपा सरकार पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिल को दोबारा शुरू कर रही है।
दावा किया कि यह पहली बार है ब खाद-बीज के लिये किसानों को लाठी नहीं खानी पड़ी। धान और गेहूं की खरीद भी रिकॉर्ड स्तर पर हुई, जिसमें सभी को समर्थन मूल्य मिला। यूपी में कुल 43 लाख टन धान खरीदा गया। कहा कि आने वाली गेहूं की फसल के लिये किसानों को इसकी खरीद में 1735 रुपये का समर्थन मूल्य मिलेगा। 5000 से अधिक जगहों पर इसकी खरीद होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने मार्च 2017 में गन्ने का 24 हजार करोड़ बकाया और इस सत्र का 17 हजार करोड़ बकाये का भुगतान करा दिया है। चीनी मिलों को भी स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं कि किसानों को समय से भुगतान किया जाय। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 2019 तक सरयू नहर परियोजना पूरी कर दी जाएगी। इस नहर के बन जाने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के आठ जिलों के किसानों को फायदा होगा।
इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की जमकर तारीफ की। कहा कि प्रदेश का युवा हताश था। यह हताषा यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद उम्मीद में बदल गयी और अब हम उनकी उम्मीदें पूरी करने जा रहे हैं। हमारी सरकार अगले दो साल में चार लाख नौकरियां देगी। भर्ती की तैयारी करने वाला योग्य जरूर चुना जाएगा।
पीएसी की 54 कंपनी बहाल कर दी गई हैं। पारदर्शी तरीके से भर्ती होगी। इसके पहले सूबे की युवा
शक्ति का लाभ उत्तर प्रदेश को नहीं मिला। दावा किया कि एक जिला एक उत्पाद योजना विकास को नई दिशा देगी। 20 लाख लोगों को उद्यम से जोड़ा जाएगा। कहा कि 22 फरवरी को हुए इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ के निवेश का रास्ता खुल गया। यह इसलिये हुआ क्योंकि भय का माहौल खत्म हो गया और इस सरकार में सभी को सुरक्षा दी जा रही है।
by Satish Srivastava