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जाड़े के मौसम में नहाने से कतराएं नहीं

Published: Dec 03, 2017 10:37:22 pm

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में गर्म पानी से नहाने से रोमछिद्र खुलते हैं और थकान व आलस दूर होते हैं।

जाड़े के मौसम में नहाने से कतराएं नहीं

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में गर्म पानी से नहाने से रोमछिद्र खुलते हैं और थकान व आलस दूर होते हैं।

अक्सर लोग सर्दी के मौसम में नहाने से परहेज करते हैं। शायद इस डर से कि सर्दी-जुकाम या बुखार न हो जाए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में गर्म पानी से नहाने से रोमछिद्र खुलते हैं और थकान व आलस दूर होते हैं।

रक्तप्रवाह बढ़ता है
कुछ लोगों का मानना है कि गर्म पानी से नहाने पर त्वचा में रूखापन आता है। इससे बचने के लिए नहाने के पानी में तेल (सरसों) या ग्लिसरीन की कुछ बूंदें मिला सकते हैं। नहाने से पहले या बाद में शरीर पर तेल या वैसलीन की मालिश भी की जा सकती है। इसके अलावा गर्म पानी से नहाने पर शरीर की अच्छी तरह सफाई होती है और चर्बी भी घटती है। पानी रक्तवाहिकाओं को खोलता है जिससे त्वचा और मांसपेशियों में रक्तप्रवाह बढ़ जाता है व त्वचा की चमक बढ़ती है। इतना ही नहीं नहाने से तनाव व सूजन आदि परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।

जोड़ों के दर्द से राहत
कफ या सर्दी-खांसी हो तो गर्म पानी से नहाने पर इन समस्याओं में राहत मिलती है और मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

त्वचा बनेगी मुलायम
सर्दियों में नहाने के बाद सर्दी कम लगती है क्योंकि नहाने से खून का दौरा तेज होता है। शरीर पर सरसों, नारियल या जैतून का तेल लगाकर गर्म पानी से नहाने पर त्वचा स्वच्छ,मुलायम और चमकदार हो जाती है। जबकि ठंडे पानी से स्नान करने से रक्त कोशिकाएं मजबूत बनती हैं। हमारे शरीर की बाहरी त्वचा जब ठंडे पानी के सम्पर्क में आती है तो वह स्वाभाविक रूप से सिकुड़ती हैं जिससे उसे आराम मिलता है। शीतल जल से स्नान करने से हमारे शरीर में रक्त संचार स्वाभाविक बना रहता है और उनकी शारीरिक क्षमता में वृद्धि भी होती है। इसीलिए सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में नहाएँ और सदैव शीतल जल से नहाने की आदत डालें।

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