गुनगुने पानी से हो स्पॉन्जिंग
स्वच्छता के नजरिए से अधिकांश माता-पिता यही सोचते हैं कि बच्चों को रोजाना नहलाना चाहिए। लेकिन ऐसा न करें। बच्चे को रोजाना नहलाने से कोई फर्क नहीं पड़ता यदि उसे छूते या खिलाते पिलाते या उसे टॉयलेट या स्टूल करने के बाद साफ-सफाई न रखी जाए। ऐसे में अभिभावक चाहें तो हर दो या तीन दिन के गैप से बच्चे को नहलाएं। अधिक ठंड है तो आप केवल स्पॉन्जिंग कर भी उसके शरीर को क्लीन कर सकते हैं। ध्यान रखें स्पॉन्जिंग गुनगुने पानी से करें वर्ना उसकी त्वचा को नुकसान होगा।
न हो केमिकल का प्रयोग
शिशु की त्वचा काफी संवेदनशील और नाजुक होती है। ऐसे में सर्दी के मौसम में यदि ज्यादा गर्म पानी का प्रयोग करेंगे तो त्वचा रूखी हो सकती है। त्वचा में मॉइश्चर बरकरार रखने के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई केमिकल प्रोडक्ट जैसे क्रीम या लोशन प्रयोग में लें। आप स्पॉन्ज के दौरान इस्तेमाल हो रहे पानी में ऑलिव ऑयल, नारियल या सरसों के तेल की कुछ बंूदें डाल सकते हैं।
पूरी तैयारी रखें
जब भी आप शिशु को नहलाने जा रहे हैं तो उससे जुड़ी सभी तैयारी रखें। जैसे पास में उसके सभी कपड़े, वुलन सहित, तौलिया आदि रखें। ताकि नहलाने के तुरंत बाद शिशु के शरीर को पूरी तरह से ढक सकें। इसके अलावा यदि वातावरण में ठंडक ज्यादा है तो बच्चे को कमरे में ही नहला लें। साथ ही नहलाने से कुछ समय पहले कमरे में हीटर लगाकर तापमान थोड़ा गर्म कर लें। ताकि नहाने के तुरंत बाद उसके शरीर के तापमान में उतार चढ़ाव न हो सके।
त्वचा पर रेशेज से बचने के लिए बच्चे को नहलाने के बाद कपड़ों की पहली परत सूती कपड़ों की पहनाएं। उसके बाद उसे वुलन पहनाएं। वर्ना त्वचा पर खुजली हो सकती है। साथ ही निशान भी हो सकते हैं। जिससे बच्चा परेशान रहेगा। तेल की मालिश भी नहाने के बाद बेहद जरूरी है। इसके लिए आप नारियल या सरसों के तेल के अलावा ऑलिव ऑयल या कैमोमाइल ऑयल से भी पूरे शरीर की मालिश कर सकते हैं।