बालों का रंग काला मेलानिन पिगमेंट के कारण होता है। यह पिगमेंट त्वचा के अंदर बालों की जड़ों में होता है। जब मेलानिन की मात्रा शरीर में कम हो जाती है, तो हमारे बालों का रंग हल्का काला हो जाता है और जब मेलानिन पिगमेंट बॉडी में खत्म हो जाता है तो बालों का रंग सफेद हो जाता है। मेलानिन की मात्रा शरीर में कम हो गई है तो बेहतर खानपान से इसे ठीक किया जा सकता है।
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रिबॉन्डिंग या हेयर स्ट्रेटनर का प्रयोग न करें। इससे बाल बेजान व रूखे हो जाते हैं। रिबॉन्डिंग से खराब हुए बाल मेडिकल ट्रीटमेंट से भी ठीक नहीं होते। नए बाल आने के बाद ही इसमें सुधार होता है।
एक्सपर्ट राय: तेल लगाने से बाल लंबे नहीं होते, बल्कि सिर की त्वचा रूखी नहीं रहने से डैंड्रफ नहीं होता। बाल चमकदार व मुलायम होते हैं।
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राय: बाल तैलीय हैं तो रोजाना शैंपू करने से कोई नुकसान नहीं। यह सिर्फ बालों को साफ करने का काम करता है। बाल रूखे हैं तो रोजाना शैंपू न करें इससे बालों का नैचुरल ऑयल कम हो जाता है।
राय: बाल जड़ों से बढ़ते हैं, सिरों से नहीं। शरीर में कैल्शियम की कमी से दो मुंहे बाल होते हैं। ट्रिमिंग करवाने के बाद ये दिखाई नहीं देते लेकिन ये कोई स्थायी इलाज नहीं। बाल बढऩे के बाद दोबारा से दो मुंहे बाल निकलने लगते हैं इसलिए खाने में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं व मेडिकल ट्रीटमेंट लें।