भीलवाड़ा जिले से लगती सीमा व सावर के अंतिम छोर से आ रहे हैं किसान, एक हजार क्विंटल से अधिक हो चुकी है चने की आवक, कृषि उपज मण्डी में समर्थन मूल्य का म
ब्यावर.
उदयपुर रोड स्थित कृषि उपज मण्डी में पहली मर्तबा शुरू की गई समर्थन मूल्य पर चना व सरसों की खरीद में किसान खासी रुचि दिखा रहे हैं। अब तक केकड़ी व सरवाड़ के किसान ही टोकन कटवा रहे थे। लेकिन अब भीलवाड़ा जिले से लगती सीमा व सावर के अंतिम छोर से भी किसान मण्डी पहुंच रहे हैं। मंगलवार दोपहर में किसान चने की फसल लेकर ब्यावर मण्डी पहुंचे। तकरीबन तीन दिनों से सरसों की आवक कम हो गई है। लेकिन चना की आवक में तेजी बरकरार है। पहली मर्तबा ब्यावर मण्डी में शुरूकी गई खरीद को लेकर क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारी भी खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं।
आंकड़ों की जुबानी…
क्रय विक्रय सहकारी समिति के खरीद अधिकारी हेमराज ने बताया कि मंगलवार को केकड़ी के अलावा भीलवाड़ा जिले से लगती कुरथल तथा सावर के गणेशपुरा सहित घटियाली व भिनाय के टांटोली व बिजयनगर के किसान चने की फसल लेकर पहुंचे। मंगलवार को ९३ क्विंटल चना बिक्री के लिए पहुंचा। अब तक ब्यावर में समर्थन मूल्य पर १०५० क्विंटल की खरीद हो चुकी है। वहीं ६० क्विंटल सरसों की खरीद की गई।
जगह ही नहीं बची…
सरवाड़, केकड़ी व बिजयनगर की मण्डियों को छोड़कर ब्यावर आ रहे किसानों की संया को देखते हुए विभाग ने जानकारी जुटाईतो पता चला कि वहां अनाज खरीदने के बाद रखने के लिए जगह ही नहीं बची। इसी कारण वहां से टोकन कटना ही बंद हो गए। अनाज की बिक्री नहीं होने से किसान इतने दूर दो सौकिलोमीटर ब्यावर आकर अनाज बेचने को मजबूर हैं। यहां से आ रहे हैं किसान…
ब्यावर की कृषि उपज मण्डी में पहली बार समर्थन मूल्य पर अनाज की बिक्री शुरूकी गई। ब्यावर सहित आस पास के किसानों को छोड़ यहां केकड़ी, ,बिजयनगर, ,सरवाड़, टांटोटी, केकड़ी, शेरगढ़, बड़ली, भिनाय, मसूदा सहित सावर व घटियाली के ग्रामीण अंचल के किसान अनाज लेकर पहुंचे।
फैक्ट फाइल…
ब्यावर की कृषि उपज मण्डी में समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए सरसों का समर्थन मूल्य ३ हजार ९०० तथा सौ रुपए बोनस के रखे गए हैं। जबकि चना का समर्थन मूल्य ४ हजार २५० रुपए तथा बोनस के डेढ़ सौ रुपए रखे गए हैं।
किसानों की जुबानी…
केकड़ी व बिजयनगर दोनों ही मण्डी में टोकन नहीं लिए जा रहे हैं। इसी कारण दो सौकिलोमीटर दूर चना लेकर आए हैं।
-कैलाशचंद वैष्णव, किसान कुरथल
छोटी मण्डियों में जगह ही नहीं बची है इस कारण ऑनलाइन टोकन कटना बंद हो गए। यहां नबर आ गया इसी कारण तुरन्त फसल लेकर आ गए।
-दशरथ कुमार, किसान टांटोटी