जिन उपभोक्ताओं के फ्रिगर प्रिंट को पोस मशीन रीड नहीं करती है तो उन्हें रसद सामग्री नहीं मिल पाती है। ऐसे रसद उपभोक्ताओं को रसद सामग्री मिल सके। इसके लिए एक बाइपास विकल्प तैयार किया गया। इसमें फिं गर प्रिंट रीड नहीं करने वाले एवं मोबाइल पर ओटीपी नहीं आने वाले उपभोक्ताओं को उपखंड कार्यालय की ओर से सत्यापित कर कूपन जारी किए जाते है। ताकि उन्हें रसद सामग्री मिल सके। अभी तक की जांच में सामने आया है कि जो लोग मर चुके, उनका बायपास कर उनके नाम से भी सामग्री उठाकर घपला किया।
मामले की जांच शुरू हुए करीब डेढ़ माह हो चुका है लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। जांच अधिकारी भावना दयाल की जांच रिपोर्ट सौंपने से पहले ही रसद विभाग ने चार राशन डीलरों के लाइसेंस निलम्बित कर दिए और अब प्रवर्तन अधिकारी को ब्यावर से हटा दिया। इससे ही मामले की गम्भीरता का अन्दाज लगाया जा सकता है। माना जा रहा है कि बायपास कर रसद सामग्री वितरण में बड़ा गड़बड़झाला किया गया है।
रसद प्रवर्तन अधिकारी हेमन्त आर्य ब्यावर में लम्बे समय से जमे हुए थे। पूर्व में हुई गैस सिलेंडर दुखान्तिका में भी सिलेंडर के अवैध रिफलिंग व अवैध भंडारण को लेकर आय पर गाज गिरना तय माना जा रहा था। लेकिन इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस मामले में राजस्व मंडल चेयरमेन की अध्यक्षता में गठित की गई जांच कमेटी ने रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी और राज्य सरकार के स्तर पर जांच लम्बित है।
बाइपास करने के मामले में जांच चल रही है। जल्द ही पूरी होने पर जांच अधिकारी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हुई जांच के आधार पर पहले राशन डीलरों के लाइसेंस निलम्बित किए है और अब प्रवर्तन अधिकारी को ब्यावर से हटा दिया है।
विनय शर्मा, जिला रसद अधिकारी (द्वितीय) अजमेर