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समान पर रार, कांग्रेस-भाजपा में हुई तकरार

तेजा मेला का आखिरी दिन -आमंत्रित अतिथियों के अलावा अन्य को स्टेज पर बुलाकर समान देने को लेकर उपजा विवाद, आयुक्त ने समझाइश कर मामला करवाया शांत

ब्यावरSep 10, 2019 / 07:46 pm

Bhagwat

समान पर रार, कांग्रेस-भाजपा में हुई तकरार


ब्यावर. नगर परिषद की ओर से आयोजित तीन दिवसीय तेजा मेला का आगाज विवादों के साथ हुआ तो आखिर तक विवादों ने पीछा नहीं छोडा। मेला के तीसरे व आखिरी दिन परपरा के अनुसार भाजपा के अतिथि बुलवाए गए। मंच पर कार्ड में प्रकाशित नाम के अलावा अन्य लोगो को भी मंच पर बुलवा दिया गया। इससे आपस में विवाद शुरु हो गया। आपसी तकरार के बीच ही समान का कार्यक्रम किया गया। यह मामला खासा चर्चा का विषय रहा। तेजा मेले के आखिरी दिन सालों से चली आ रही परपरा के अनुरुप आखिरी दिन भाजपा के अतिथि आमंत्रित किए गए। इसके तहत सांसद दीयाकुमारी, विधायक शंकरसिंह रावत, मंडल अध्यक्ष जयकिशन बल्दुआ व दिनेश कटारिया को आमंत्रित किया गया। सांसद दीयाकुमारी कार्यक्रम में शरीक होने नहीं पहुंची। जबकि विधायक व मंडल अध्यक्ष पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम में पहुंचे। मंच पर अतिथियों को समानित किए जाने के दौरान आमंत्रित अतिथियों के अलावा अन्य का नाम भी शामिल करवाए। इस दौरान मेला संयोजक व पार्षद दलपतराज सहित अन्य ने कांग्रेस पार्षदों ने इसका विरोध किया। इससे माहौल गरमा गया। आपस में तकरार शुरु हो गई। इस दौरान आयुक्त ने समझाइश का प्रयास किया लेकिन दोनों ही पक्ष में आपस में बहस होती रही। इस विवाद के दौरान ही अतिथियों का समान शुरु हो गया। शुरुआत में आमंत्रित अतिथियों के लिए ही साफा व स्मृति चिन्ह निकाले गए। मामला बढ़ता देख आयुक्त ने समझाइश कर सबका समान करवाकर मामला शांत करवाया।
सभापति, मेला संयोजक व आयुक्त नहीं बैठे मंच पर
समान किए जाने के दौरान मंच पर सभापति को भी आमंत्रित किया गया। सभापति नीचे ही बैठी रही। वों मंच पर नहीं गई। आयुक्त भी कुछ देर के लिए मंच पर गए। आपस में विवाद बढ़ा तो वों ाी मंच से नीचे आ गए। समझाइश कर समान समारोह करवाया। वों मंच पर नहीं गए।
इनका कहना है…
नगर परिषद की ओर से जो अतिथि आमंत्रित किए गए। उन अतिथियों को मंच पर बुलवाकर समान किया जाना तय था। मनमर्जी से जिन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। उन्हें भी मंच पर बुलवा लिया गया। इसका विरोध किया। ऐसा किया जाना सही नहीं है।
-सपति बोहरा, मेला संयोजक
उपसभापति ने लिखित में आखिरी दिन जिन अतिथियों के नाम दिए। नगर परिषद की ओर से उन्हें विधिवत तरीके से आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मनमर्जी से व्यवस्था को बाधित करने के लिए जिन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। उन्हें भी मंच पर बैठा दिया। यह गलत परपरा है। इसका विरोध किया।
-दलपतराज मेवाड़ा, पार्षद
मेला समिति की पहली बैठक में तय किया गया कि छोटे पदाधिकारियों को नहीं बुलवाने का निर्णय किया गया। इसके अनुरुप ही अतिथियों के नाम लिखकर परिषद प्रशासन को दिए। बैठक में तय निर्णय की पालना नहीं कर इन्होंने कार्ड में छोटे पदाधिकारियों के नाम छाप दिए। इसके बावजूद दो दिन तक इसमें सहयोग किया। ऐसे में हमने भी आए पदाधिकारियों का समान की बात रखी तो इन्हें बड़ा मन रखकर सहयोग करना चाहिए।
-सुनिलकुमार मूंदड़ा, उससभापति

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