Bhagwat_katha….व्यक्ति को भूलने नहीं चाहिए संस्कार
माहेश्वरी भवन में भागवत कथा, झांकी ने मन मोहा
Bhagwat_katha….व्यक्ति को भूलने नहीं चाहिए संस्कार
ब्यावर. माहेश्वरी भवन में आयोजित की जा रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन सुखदेव का प्रसंग वाचन हुआ। व्यास पाठ पर विराजित अयोध्या के बाल व्यास अनन्त शास्त्री ने भागवत कथा में कथा व्यास सुखदेव जी के जीवन और भागवत लेखन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के इस भौतिक युग की चकाचौंध में संस्कार को भूल रहा है। सोचनीय विषय यह है कि हम यह भूल जाते हैं कि एक दिन हमें यह संसार छौडना पडेगा। उस समय हमारे साथ न धन न दौलत और न सखा संबंधी यहां तक कि हमारा शरीर भी साथ नहीं जाएगा। ऐसे समय में केवल भागवत स्मरण में बिताए पल ही हमारे साथ जाएंगे। रघुकुल वंश सेवा ट्रस्ट के प्रधान स्वामी दिलीप दास त्यागी महाराज ने कहा कि पितृ पक्ष मेंबारह ज्योतिर्लिंग की पूजा सहित किए गए धार्मिक कार्य पितृों को ही समर्पित होते है। प्रचार प्रमुख रमेश शर्मा ने बताया आज सुखदेव की झाँकी सजाई गई। कथा के तृतीय दिवस नृसिंह अवतार व प्रहलाद चरित्र का प्रसंग होगा व नृसिंह प्राकट्य की झाँकी सजाई जाएगी। रामायण मंडल के अध्यक्ष राजकुमार अत्रैय, विमल बंसल, जमुना गुप्ता, सुधीर पालडिया, बाबूला लौहार ने महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। रमेश गोयल व रमेश गहलोत ने सहयोग किया। कथा के दौरान नरेश बंसल, रामगोपाल बर्फ़ वाले, सत्यनारायण असावा, संजय सिंह, अमर चन्द कुमावत, दिलीप सैन, पुष्पारानी घूत, कृष्णा गुप्ता, सुशीला झंवर, हरीकिशन तिलोकानी, लक्ष्मण दास गुरुनानी मौजूद रहे।
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