गौरव पथ पर 55 पौधे लगाने के लिए स्थान चिह्नित किए और 19 पौधे ट्री गार्ड सहित लगाए गए। लेकिन 24 पौधे बिना ट्री गार्ड ही लगा दिए गए, जिनके पास मवेशी मुंह मारते देखे जा सकते है। इसी प्रकार 12 गडडे़ खोद कर छोड़ दिए गए। एेसे में इन पौधों की सुरक्षा और हरियाली बढऩे की कोई उम्मीद नहीं है।
गौरव पथ की शुरूआत के दौ सौ मीटर बाद ही एक बड़ा कट दिया गया है जिससे दो पहिया और भारी वाहनों की आवाजाही हो सकती है। इसके बावजूद थोड़ी ही दूर पर डिवाइडर को तोड़कर रास्ता बना लिया गया है, जहां से दो पहिया वाहन चालक गुजर सकते है। एेसे में यहां पर हादसे की सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
गौरव पथ पर दो जगह गड्डे बने है। एक जगह पर तो करीब सौ फीट चौडा़ई में गड्डा है जो हादसे को आमंत्रण दे रहा है। यह सड़क गारंटी पीरीयड में है और एेसे में संवेदक को इसे दुरस्त करना चाहिए लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनदेखी के कारण इसकी मरम्मत तक नहीं हो पा रही है।
गौरव पथ के लिए 250 लाख स्वीकृत हुए और 160 लाख ही खर्च हुए। यह रोड भी एक किलोमीटर बनाना था लेकिन पूरा नहीं बनाया जा सका। एेसे मंे राशि भी बच गई और रोड भी पूरा नहीं बना।
गौरव पथ 800 मीटर का ही है। डिवाइडर पर हरियाली के लिए पौधे लगाए जा रहे है और सुरक्षा के इंतजाम भी करेंगे। जहां पर गौरव पथ क्षतिग्रस्त है, उसकी मरम्मत करा दी जाएगी।
एस.एस सलुजा, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग ब्यावर