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भाजपा बहुमत के करीब, क्रास वोटिग हुई तो उलटफेर

locationब्यावरPublished: Nov 21, 2019 07:26:13 pm

Submitted by:

sunil jain

नगर परिषद सभापति चुनाव : कांगे्रस के निर्दलीय को मैदान में उतारने से नए कयासों ने पकड़ा जोर, दोनों ही दल निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने का चल रहे दाव

भाजपा बहुमत के करीब, क्रास वोटिग हुई तो उलटफेर

भाजपा बहुमत के करीब, क्रास वोटिग हुई तो उलटफेर


ब्यावर. नगर परिषद सभापति चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल होने के साथ ही कांग्रेस व भाजपा ने अपनी-अपनी जीत को लेकर जतन तेज कर दिए है। भाजपा में पार्षदों की संया 29 होने एवं कुछ निर्दलीयों के भाजपा के समर्थन दिया है। इस गणना में भाजपा को बोर्ड बनना तय माना जा रहा है। कांग्रेस ने आखिरी समय में निर्दलीय पार्षद गोविंद पंडित को सिंबल देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। निर्दलीय को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने निर्दलीय पार्षदों को अपने पक्ष में करना चाह है। संया बल में कांग्रेस के बहुमत के आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में क्रांस वोटिग होने पर ही कांग्रेस बोर्ड बनाने का सपना साकार कर सकती है। नगर परिषद पार्षद चुनाव में भाजपा ने 29 वार्ड जीते। जबकि कांग्रेस 16 वार्ड जीतने में ही कामयाब हो सकी। निर्दलीय ने 15 वार्डो में जीत हासिल की। ऐसे में बोर्ड बनाने की चॉबी निर्दलीयों के हाथ में है। कांग्रेस व भाजपा के बागी अपनी-अपनी पार्टी के पक्ष में वोट देने की बात कह रहे है। यह स्थिति बनती हैतो भाजपा के बोर्डबनने की तस्वीर साफ हो जाती है। क्रास वोटिग होती हैतो ही अप्रत्याशित परिणाम आ सकते है।

चेहरे पर चिंता की सलवटे, दावे दोनों ओर मजबूत
नगर परिषद में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों की ओर से नामांकन दाखिल करने के दौरान दोनों ही दलों ने एकजुटता दिखाई। भाजपा ने अपने पक्ष में 35 से अधिक मत मिलने का दावा किया हैतो कांग्रेस के नेता अप्रत्याशित परिणाम आने एवं कांग्रेस का बोर्ड बनने का दावा कर रहे है। कांग्रेस में चुनाव की कमान संभाल रहे पदाधिकारियों का कहना रहा कि बोर्ड बनाने का पूरा प्रयास कर रहे है। इसके परिणाम उनके पक्ष में आएंगे। कांग्रेस के 16 पार्षद, निर्दलीयों का समर्थन सहित 30 से अधिक मत उनके प्रत्याशी को मिलेंगे। दोनों ही दलों के नेता अपने-अपने पक्ष में मजबूत दावे तो कर रहे हैलेकिन नेताओं के चेहरे पर चिंता की सलवटे नजर आ रही है। पहली बार साठ पार्षद चुने गए है। यह पार्षद ही बोर्ड तय करेंगे। ऐसे में कहीं क्रास वोटिग न हो जाए। इसको लेकर अब से ही अब से ही जानकारी जुटाना शुरु कर दिया है।

पहले भी हो चुकी है क्रास वोटिग
सभापति पद के लिए पूर्व में हुए चुनावों में भी क्रास वोटिग के मामले हो चुके है। राजनैतिक दल के नेता जितने पार्षदों को लेकर वोट देने पहुंचे थे। उतने वोट उस पार्टी को नहीं मिल पाए। ऐसे में इस बार दोनों ही दल चाहते है कि क्रास वोटिग नहीं हो। इसके लिए पूरी तैयारी भी कर रहे है। लेकिन दोनों ही पाटियां अपने दल के अलावा अन्य से सपर्क कर रही है। ताकि दूसरे खेमे में सेंधमारी कर अपने पक्ष को मजबूत कर सके।
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