ब्यावर के टोल प्लाजा के 35 फीसदी वाहनों पर नहीं लगे फास्टैग
ब्यावर. ब्यावर-किशनगढ़ सिक्सलेन हाइवे के पिपलाज टोल प्लाजा की कैशलेन में दिनभर ट्रेफिक का खासा दबाव रहने लगा है। दोनों तरफ की कैशलेन में पूरे दिन वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती है। टोल प्लाजा से गुजरने वाले 65 फीसदी वाहन फास्टैग युक्त हो चुके है, जबकि 35 फीसदी वाहन फास्टैग नहीं लगाए जाने की वजह से इनका कैशलेन से आवागमन हो रहा है। हाल ही में एनएचआई ने कैशलेन से गुजरने वाले वाहनों के लिए रिर्टन टोल राशि काटने पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में अब कैशलेन से गुजरने वाले वाहनों को हर बार टोल राशि देनी होगी।राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) ने 15 दिसम्बर से टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा लागू कर दी गई। शुरुआती समय मेंतो टोल प्लाजा पर दोनों तरफ दो-दो कैशलेन की सुविधा की गई। जबकि शेष सभी लेन पर केवल फास्टैग सुविधा ही लागू कर दी गई और इन लेन से केवल फास्टैग लगे वाहन ही निकलने लगे। एनएचआई की सख्ती के चलते और टोल प्लाजा पर वाहनों की लम्बी कतारों से बचने के लिए ब्यावर परिक्षेत्र के करीब 65 फीसदी वाहन फास्टैग युक्त हो गए। जबकि 35 फीसदी वाहनों पर अभी भी फास्टैग लगने बाकी है। ऐसे में बिना फास्टैग लगे वाहनों का कैशलेन से आवागमन हो रहा है।दोनों तरफ केवल एक-एक कैशलेन :टोल प्लाजा पर दोनों तरफ एक-एक कैशलेन को कम कर दिया गया। फिलहाल दोनों तरफ एक-एक ही कैशलेन है और बिना फास्टैग लगे वाहनों का कैशलेन से ही आवागमन किया जा रहा है। 35 फीसदी वाहनों पर फास्टैग युक्त नहीं। यहीं कारण है कि टोल प्लाजा की कैशलेन में सर्दी के इस सीजन में सुबह से शाम तक वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती है। जबकि 65 फीसदी वाहन फास्टैग युक्त हो चुके है।