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सात समंदर पार, पर नहीं भूले माटी की महक

locationब्यावरPublished: Jan 27, 2020 12:40:58 pm

सात समंदर पार, पर नहीं भूले माटी की महक : तीज त्यौहार को मनाते है, जब भी मौका मिलता हैतो देश आकर मनाते है त्यौहार

सात समंदर पार, पर नहीं भूले माटी की महक

सात समंदर पार, पर नहीं भूले माटी की महक

ब्यावर. सात समंदर पार देश की प्रतिभाएं अपनी योग्यता का लौहा मनवा रही है। अपनी प्रतिभा के जरिए एक मुकाम हासिल किया तो वहां पर कई पुरस्कार भी अपने नाम किए। सफलता के नए सौपान छू रहे ब्यावर के युवा कई देशों में उन्नति कर रहे है। शहर से हजारों किलोमीटर दूर रहने के बावजूद अपनी संस्कृति से आज भी जुड़ाव है। तीज त्यौहार पर अपनों से बात करके एवं आयोजनों की जानकारी लेकर यादों को हमेशा जीवन्त रखते है। सोशल मिडिया के जरिए भी यहां के आयोजन की जानकारी लेते है।रोजाना करते है बात, मनाते त्योहारलंदन में सीनियर प्रोसेसिंग इंजीनियर के पद पर पिछले नौ साल से काम कर रहे बाबू डी चौधरी ने बताया कि काम के साथ ही संस्कृति से जुड़ाव है। लंदन में त्यौहार मनाते है। प्रतिदिन प्रार्थना करने के साथ ही यहां पर परिवार वालों से भी बात होती है। देश से बाहर जरुर है, लेकिन यहां की संस्कृति अब भी मन में आत्मसात है। सोशल मिडिया के जरिए यहां की संस्कृति से भी रुबरु होते है। संस्कृति के अनुरूप निभाते है रस्मेंलॉयडस बैंक लंदन में कार्यरत सुमन ने बताया कि दिनचर्या व्यस्त रहती है। त्यौहार मनाते है। यह जरुर है कि देश में होने वाले आयोजन वहां पर नजर नहीं आते है। त्यौहार के मौके पर संस्कृति के अनुरुप होने वाली रस्मों को पूरा करते है। तीज त्यौहार पर व्रत रखते है। भारतीय आपस में एक दूसरे को बधाईयां भी देते है। देश में होने वाले आयोजन की जानकारी लेते रहते है। बांटते है हर त्योहार की खुशियांकेम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर पद पर कार्यरत डॉ. कैलाशसिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में काम करते हुए नौ साल का समय बीत गया। इन नौसालों में हर साल त्यौहार पर अपनों से बात करने का कोई अवसर नहीं छोडा। होली, दीपावली या अन्य कोई त्यौहार हो। अपने शहर में दोस्तों व रिश्तेदारों से बात करके यादों को तरो ताजा कर देते है। वहां पर भी त्यौहार की खुशियों को आपस में बांटते है।

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