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पांच किलोमीटर क्षेत्र में टिड्डी दल का डेरा, रसायन छिड़काव किया

locationब्यावरPublished: May 14, 2020 01:57:12 pm

Submitted by:

Bhagwat

-बोरूंदा, पुष्कर, पीसांगन, होते हुए पहुंची ब्यावरखास, रात्रि में ग्राम फतेहगढ़ सल्ला में पहाडिय़ों पर रही, रसायन से टिड्डी दल को मारने का किया जतन

पांच किलोमीटर क्षेत्र में टिड्डी दल का डेरा, रसायन छिड़काव किया

पांच किलोमीटर क्षेत्र में टिड्डी दल का डेरा, रसायन छिड़काव किया

ब्यावर. शहर से सटे फतेहगढ़ सल्ला गांव के पास पहाडिय़ों में पेड़ों एवं बबूल की टहनियों पर रविवार शाम को टिड्डी दल ने अपना डेरा जमा लिया। रातभर टिड्डी दल ने इन पेड़ों पर अपना डेरा जमाए रखा। सोमवार तड़के टिड्डी नियंत्रण दल ने उन्हें मारने के लिए रसायन का छिड़काव शुरु कर दिया। इससे चपेट में आई टिड्डी दल की मौत हो गई। टिड्डी दल करीब चार-पांच किलोमीटर लम्बे एवं ढाई किलोमीटर चौड़ाई में फैला हुआ होने एवं पहाड़ी क्षेत्र में दमकल सहित अन्य वाहनों की आवाजाही के साधन नहीं होने टिड्डी दल उड़ गया। टिड्डी दल ने वापस पाली जिले के गांवों की ओर रुख कर दिया। ब्यावर तहसील क्षेत्र में फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। ब्यावर में शनिवार शाम को तेज अंधड़ के साथ ही टिड्डी दल ने बोंरुदा, पुष्कर, पीसांगन होते हुए ब्यावरखास सहित आस-पास के गांवों में अपना डेरा जमा दिया। अंधड़ कम होने एवं शाम होने के कारण टिड्डी दल ने ग्राम फतेहगढ़ सल्ला के पास ही पहाडिय़ों पर स्थित बबूल व नीम के पेड़ सहित अन्य जगह पर अपना डेरा जमा लिया। शाम को टिड्डी दल की लोकेशन ग्राम फतेहगढ़ सल्ला के पास आने के बाद प्रशासन ने देर रात से तैयारियां शुरु कर दी। प्रशासन की ओर से टिड्डी नियंत्रण दल ने सोमवार तड़के ही ऑपरेशन शुरु कर दिया। अजमेर से आई दो दमकल एवं ब्यावर से पहुंची दो दमकल ने गोला बनाकर उन पर हमला बोला। इससे बड़ी संख्या में टिड्डी दल इनकी चपेट में आने से मर गई। जहां तक दमकल के छिड़काव की पहुंच नहीं हो सकी। वहां से टिड्डी दल ने उडान भरी। यह दल वापस पाली जिले की ओर रुख कर गया। इस दौरान उपखंड अधिकारी जसमीतसिंह संधू, तहसीलदार रमेशचंद बहेडिया, गिरदावर प्रभुसिंह, पटवारी लोकेश मीणा, मूलाराम सहित अन्य मौजूद रहे।
अंडे नहीं दे सकते, इसलिए खतरे से बाहर

टिड्डी नियंत्रण दल के अधिकारी गोकुलराम व राजेश चौधरी ने बताया कि टिड्डी दल से यहां अधिक खतरा नहीं है। टिड्डी दल ने पहाडिय़ों पर डेरा डाला है। इस समय इनके अंडे देने का समय नहीं है। टिड्डी दल रेतीली जमीन में अंडे देते है। ऐसे में यहां पहाड़ी क्षेत्र में अंडे नहीं दे सकते है। ऐसे में यहां कोई चिंता जैसी स्थिति नहीं है। टिड्डी दल के पीछे निरन्तर टीम चल रही है। इनको खत्म करना ही उनका उदेश्य है।
अलग-अलग स्थानों से पहुंचे सदस्य

टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए टिड्डी नियंत्रण दल के सदस्य अलग-अलग स्थानों से पहुंचे है। संयुक्त रुप से गठित टीम में जालोर, सिरोही व जोधपुर के अधिकारी शामिल रहे। सदस्य एक विशेष प्रकार का केमीकल लेकर पहुंचे। इसका इन टिड्डी दल पर छिड़काव किया गया। इनका कहना था कि जो इस रसायन छिड़काव के क्षेत्र में आ गई। वों टिड्डी उड भी जाती है तो बीस मिनट में मर जाएगी।पाली जिले के गांवों में भी किया छिड़कावराहत व बचाव दल ने फतहगढ सल्ला के अलावा इसका पीछा करते हुए पाली जिले के रेलड़ा, रातडिया, प्रतापगढ़, सुमेल, चांग, बूटीवास के गांवों की ओर पहुंचे। यहां पर भी दल की ओर से इन पर छिड़काव किया गया। ताकि इन पर काबू पाया जा सके। टिड्डी दल बड़ा होने से इनका पीछा करते हुए नियंत्रण दल लगातार इनका पीछा कर रहा है।
बड़ा ही फूर्तिला एवं लम्बी उडान भरता है टिड्डी दल

टिड्डी नियंत्रण दल के राजेश चौधरी ने बताया कि टिड्डी बडी ही फुर्तिले होती है। यह एक बार उतरने के बाद वहां पर जो खाने को मिलता है। उसको चट कर जाते है। रात्रि में एक बार उतरने के बाद उडान नहीं भरते है। सुबह सूरज उगने पर ही खाने के बाद आगे की ओर उडान भरते है। यह पिंक रंग का टिड्डी दल है।
पाली जिले में सब्जियां की चट..टिड्डी दल ने पाली जिले से भी गुजरी। जानकारी अनुसार इस दल ने ग्राम रेलड़ा, रातडिया, प्रतापगढ़, सुमेल, चांग, बूटीवास में सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इन गांवों से अधिकांश सब्जियां ब्यावर में ही बिक्री के लिए आती है। ऐसे में आने वाले दिनों में इन गांवों से आने वाली सब्जियों की आवक कम हो सकती है।
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