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ब्यावर के पचास एवं प्रदेश के 825 विद्यार्थी अटके तजाकिस्तान में

locationब्यावरPublished: May 14, 2020 02:22:05 pm

Submitted by:

Bhagwat

विधायक शंकर रावत ने विदेश सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, विशेष विमान की व्यवस्था कर इनके लाने की व्यवस्था करवाने की मांग

ब्यावर के पचास एवं प्रदेश के 825 विद्यार्थी अटके तजाकिस्तान में

ब्यावर के पचास एवं प्रदेश के 825 विद्यार्थी अटके तजाकिस्तान में

ब्यावर. कोरोना के चलते विमान सेवा बंद होने से ब्यावर के पचास एवं राजसमंद संसदीय क्षेत्र के 300 एवं प्रदेश के 825 विद्यार्थी अटके हुए है। विमान सेवा नहीं चल पाने के कारण यह विद्यार्थी वापस स्वदेश नहीं आ पा रहे है। जबकि अंतिम वर्ष के कुछ विद्यार्थियों का वीजा अवधि भी पूरी होने वाली है। ऐसे में अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। अभिभावकों ने विधायक शंकरसिंह रावत एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच से मिलकर उन्हें वापस देश लाने की व्यवस्था करवाने की मांग की है। विधायक रावत ने लिखा विदेश मंत्री को लिखा पत्रविधायक शंकरसिंह रावत ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा है। समें तजाकिस्तान में मेडिकल का अध्ययन करने गए विद्यार्थियों को वापस देश में लाने की व्यवस्था करवाने की मांग की है। विधायक रावत ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना चल रहा है। इससे विद्यार्थी परेशान है। उन्होंने इन विद्यार्थियों को वापस वतन वापसी करवाने की मांग की है। ताकि इनके परिजनों को चिंता से निजात मिल सके।विदेश में अटके छात्रों को स्वदेश लाएं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा। इसमें विदेश में पढऩे गए विद्यार्थियों को वापस अपने देश लाने की व्यवस्था करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि दुशान्बे (तजाकिस्तान) में स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी मे लगभग 1300 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे है। जिनमे से 825 राजस्थानी छात्र है। इनमें से 300 से अधिक छात्र राजसमंद लोकसभा क्षैत्र के एवं 50 से अधिक छात्र ब्यावर विधानसभा क्षैत्र के है। तजाकिस्तान मे विशेषक दुशान्बे मे कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। वहां पर मेडिकल सुविधाओ का अभाव है। अंतिम वर्ष मे अध्ययनरत कई विद्यार्थियों का वीजा समाप्त होने को है। इन्हें विशेष विमान से स्वदेश लाने की व्यवस्था करवाई जाए। इनके अभिभावक विद्यार्थियों को लाने में लगने वाली लागत को वहन करने को भी राजी है।
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