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हरियाली से गिरी नजर आएगी पहाडिय़ां

locationब्यावरPublished: Jun 28, 2020 12:05:08 pm

Submitted by:

Bhagwat

एक लाख 32 हजार हेक्टर में बुवाई की तैयारीकृषि विभाग ने निर्धारित किए लक्ष्य: सबसे अधिक ज्वार की बुवाई का अनुमान, दलहन की बुवाई पर भी रहेगा जोर, कृषि विभाग ने लक्ष्य तय कर शुरु की तैयारियां

हरियाली से गिरी नजर आएगी पहाडिय़ां

हरियाली से गिरी नजर आएगी पहाडिय़ां

ब्यावर. प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है। बरसात अच्छी होने पर कुछ ही दिनों में बुवाई का काम शुरु होगा। खरीफ की बुवाई को लेकर कृषि विभाग ने लक्ष्य तय कर दिया है। क्षेत्र में इस बार विभाग ने एक लाख 32 हजार 450 हेक्टर में बुवाई का लक्ष्य तय किया है। इसमें सबसे अधिक बुवाई का लक्ष्य ज्वार का तय किया गया है। ज्वार की बुवाई करीब पचास हजार पांच सौ हेक्टर में बुवाई का अनुमान है। इसके अलावा दलहन की बुवाई भी अच्छी होने का अनुमान है। गत साल भी मानसून अच्छा रहने से क्षेत्र में बुवाई का रकबा बढ़ा था। इस बार भी इससे अधिक रकबे में बुवाई होने का अनुमान है। ज्वार की बुवाई में अधिक रुचिब्यावर के आस-पास मगरा क्षेत्र है। जहां पर पहाड़ी क्षेत्र है। ऐसे में बरसात कम होने पर उपज नहीं मिलने की आशंका भी बनी रहती है। सिंचाई के लिए पर्याप्त सुविधा का अभाव है। ऐसे में काश्तकार ज्वार की बुवाई अधिक करते है। ताकि बरसात कम होने या अन्य किसी कारण से सिंचाई नहीं कर पाने पर भी ज्वार से मवेशियों के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था हो सके। काश्तकारों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक भार भी नहीं पड़े।
इनकी नहीं होती बुवाई…
क्षेत्र में चावल, अरहर, सोयाबीन व गन्ना सहित अन्य फसलों की यहां पर बुवाई नहीं होती है। यहां की आबोहवा अनुकू ल नहीं होने के साथ ही पानी की कमी रहती है। इसके अलावा सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं होने से इन फसलों की बुवाई नहीं होती है। यहीं कारण है कि लक्ष्य में इन फसलों की बुवाई का क्षेत्र शून्य है।

यह तय किया लक्ष्य
कृषि विभाग ने इस बार ज्वार का 50 हजार पांच सौ, बाजरा 11 हजार, मक्का 17 हजार, मूंग 33 हजार 200, उड़द साढे सात हजार, चवला तीन सौ, दलहन 41 हजार, मूंगफली 250, तिल तीन हजार, कपास 5 हजार 300, ग्वार दो हजार 400 हेक्टर में बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा सब्जी उत्पादन की बुवाई करीब नौ हजार सात सौ हेक्टर में होने का लक्ष्य तय किया गया है।
इनका कहना है…
खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय कर दिया है। मानसून आ चुका है। ऐसे में काश्तकारों को बीज की तैयारी कर समय पर बुवाई की सलाह दी है। क्षेत्र में बुवाई होने वाली फसलों के बारे में जानकारी दी है। ज्वार की बुवाई का क्षेत्र अधिक रहेगा। काश्तकार दलहन व तिलहन की बुवाई भी करेंगे।
-विनोदकुमार छाजेड़, सहायक निदेशक, कृषि विस्तार, ब्यावर
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