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एक दशक बीता अब तक तलाश रहे जमीन

locationब्यावरPublished: Jun 28, 2020 12:24:33 pm

Submitted by:

Bhagwat

जवाजा बीसलपुर परियोजना : करीब पचास टंकियों के निर्माण के लिए अब तक जमीन नहीं मिल सकी, सितम्बर तक परियोजना के तहत शेष काम को करना है पूरा, यह गति रही तो समय बढ़ाने के बावजूद काम नहीं हो सकेगा पूराभगवतदयालसिंह

एक दशक बीता अब तक तलाश रहे जमीन

एक दशक बीता अब तक तलाश रहे जमीन

ब्यावर. जवाजा बीसलपुर परियोजना के शुरु हुए करीब एक दशक से अधिक का समय बीत चुका है। परियोजना के तहत 72 उच्च जलाशय एवं 539 जमीनतल जलाशय का निर्माण किया जाना है। इनमें से करीब पचास जमीनतल जलाशय बनाने के लिए जमीन ही आवंटित नहीं हो सकी है। जबकि इस परियोजना का काम जुलाई 2019 में ही पूरा किया जाना था। निर्धारित समय में काम पूरा नहीं होने पर इसकी समयावधि बढ़ाई गई। इसके बाद लॉक डाउन के चलते काम बंद हो गया। ऐसे मेंं अब सितम्बर तक यह काम पूरा किया जाना है। काम की यहीं गति रही एवं जमीन आवंटित सहित अन्य काम समय पर पूरा नहीं हो सका तो सितम्बर तक काम पूरा होने के भी आसार कम ही है।जवाजा क्षेत्र के गांवों को फ्लोराइड युक्त पानी से निजात दिलाने के लिए करीब 15 साल पहले जवाजा बीसलपुर परियोजना को स्वीकृति दी गई। इसके तहत 539 गांवों व ढाणियों तक पानी पहुंचाया जाना है। इस परियोजना के शुरु होने के साथ ही काम गति नहीं पकड़ सका। काम लम्बा खींचता ही गया। इस काम को पूरा करने के लिए कई बार मामला उठा। विधानसभा तक यह मामला पहुंचा। अब तक यह काम पूरा नहीं हो सका है। विभागीय उदासीनता के चलते काम पूरा करने की नियत अवधि निकले एक साल का समय बीत चुका है। अब तक करीब पचास गांवों व ढाणियों में बनने वाली टंकियों के लिए जमीन का आवंटन भी नहीं हो सका है। विभागीय अधिकारियों व ग्राम पंचायत के बीच तालमेल का अभाव होने से यह काम लम्बा खींचता जा रहा है। अब तक 139 गांवों व 171 ढाणियों तक पहुंचा पानीपरियोजना के तहत अब तक यह काम पूरा हो जाना चाहिए था। परियोजना के तहत टॉडगढ़ क्षेत्र के अंतिम छोर माथुवाड़ा तक पानी पहुंच जाना चाहिए था। अब तक देवाता पम्पिंग स्टेशन तक ही पानी पहुंच सका है। इसके तहत 139 गांवों एवं 171 ढाणियों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। इन गांवों में नियत समय तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। अब भी इन क्षेत्रों में भी टंकियों का निर्माण हो चुका है लेकिन सप्लाई लाइन से जोडऩे का काम अधूरा पड़ा है। ऐसे में टंकी तक पानी ही नहीं पहुंच रहा है।
2.80 एमएलडी पानी मिल रहा

जवाजा बीसलपुर परियोजना के तहत देवाता पम्पिंग स्टेशन तक 139 गांवों एवं 171 ढाणियों में पानी सप्लाई के लिए 2.80 एमएलडी पानी मिल रहा है। इस पानी से ही इन गांवों में सप्लाई दी जा रही है। जबकि इन गांवों की संख्या को देखते हुए पानी कम मिल रहा है। ऐसे में कई गांवों में नियमित अंतराल से पानी नहीं मिल पा रहा है। विधायक शंकरङ्क्षसह रावत एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच भी ग्रामीण क्षेत्र के लिए पांच एमएलडी पानी की मांग कर चुके है।
यह हुआ काम

परियोजना के तहत 72 उच्च जलाशय एवं 539 जीएलआर का निर्माण किया जाना है। अब तक 66 उच्च जलाशय एवं 439 जीएलआर का निर्माण हो चुका है। जबकि छह उच्च जलाशय पर काम चल रहा है। जबकि करीब पचास जीएलआर के लिए अब तक जमीन का निर्धारण भी नहीं हो सका है। जबकि क्षेत्र में कई जगह पाइप लाइन डालने का काम भी अधूरा पड़ा है। तीन माह शेष, काम पूरा होने के आसार कमपरियोजना के तहत काम को जुलाई 2019 में ही पूरा किया जाना था। जमीन आवंटन नहीं हो पाने एवं अन्य कारणों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। इसके बाद लॉक डाउन शुरु हो गया। ऐसे में काम एक बार फिर अटक गया। ऐसे में परियोजना की समयावधि सितम्बर माह तक बढ़ाई है। इन तीन माह में भी काम पूरा होने के आसार ही कम है।
काम ढिलाई पर जताई चिंता, उपमुख्यमंत्री को लिखा पत्र

जवाजा बीसलपुर परियोजना का काम गति नहीं पकड़ पाने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच ने चिंता जताई है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखकर परियोजना को पूरा करवाने की मांग की है। परियोजना के तहत लम्बे समय से अधिकारी नियुक्त होने के बाद भी अब तक लम्बित प्रकरणों का निस्तारण नहीं हो सका है। प्रदेश सचिव पंच ने पत्र में बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन मे नीति निर्धारण समिति की बैठक वर्ष 2013 में 231.46 करोड़ रुपए की लागत से जवाजा बिसलपुर बांध से जवाजा पंचायत समिति क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले 199 गांवो व 390 ढाणियों मे शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने की मंशा से प्रशासनिक एवं वितीय स्वीकृति जारी की। 30 अगस्त 2013 को कार्यादेश जारी कर 3 वर्ष मे पूरा किया जाना था। परियोजना को गति देने के लिए एक अधिशाषी अभियन्ता, 6 सहायक अभियन्ता, एक अकाउन्टेंट व एक एल.डी.सी. की नियुक्ति की गई थी। इसके बावजूद परियोजना का काम अधूरा पड़ा है।
इनका कहना है…

परियोजना के तहत अधिकांश का काम पूरा हो चुका है। 66 उच्च जलाशय, 494 जीएलआर का निर्माण पूरा हो चुका है। जहां पर जमीन आवंटन का मामला पेंडिग है। वों भी अंतिम चरण में है। जल्द ही यह लम्बित काम पूरा कर परियोजना के शेष काम को पूरा करेंगे।
-एम.एल. उच्चेनिया, अधिशाषी अभियंता, जवाजा बीसलपुर परियोजना

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