2.80 एमएलडी पानी मिल रहा जवाजा बीसलपुर परियोजना के तहत देवाता पम्पिंग स्टेशन तक 139 गांवों एवं 171 ढाणियों में पानी सप्लाई के लिए 2.80 एमएलडी पानी मिल रहा है। इस पानी से ही इन गांवों में सप्लाई दी जा रही है। जबकि इन गांवों की संख्या को देखते हुए पानी कम मिल रहा है। ऐसे में कई गांवों में नियमित अंतराल से पानी नहीं मिल पा रहा है। विधायक शंकरङ्क्षसह रावत एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच भी ग्रामीण क्षेत्र के लिए पांच एमएलडी पानी की मांग कर चुके है।
यह हुआ काम परियोजना के तहत 72 उच्च जलाशय एवं 539 जीएलआर का निर्माण किया जाना है। अब तक 66 उच्च जलाशय एवं 439 जीएलआर का निर्माण हो चुका है। जबकि छह उच्च जलाशय पर काम चल रहा है। जबकि करीब पचास जीएलआर के लिए अब तक जमीन का निर्धारण भी नहीं हो सका है। जबकि क्षेत्र में कई जगह पाइप लाइन डालने का काम भी अधूरा पड़ा है। तीन माह शेष, काम पूरा होने के आसार कमपरियोजना के तहत काम को जुलाई 2019 में ही पूरा किया जाना था। जमीन आवंटन नहीं हो पाने एवं अन्य कारणों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। इसके बाद लॉक डाउन शुरु हो गया। ऐसे में काम एक बार फिर अटक गया। ऐसे में परियोजना की समयावधि सितम्बर माह तक बढ़ाई है। इन तीन माह में भी काम पूरा होने के आसार ही कम है।
काम ढिलाई पर जताई चिंता, उपमुख्यमंत्री को लिखा पत्र जवाजा बीसलपुर परियोजना का काम गति नहीं पकड़ पाने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच ने चिंता जताई है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखकर परियोजना को पूरा करवाने की मांग की है। परियोजना के तहत लम्बे समय से अधिकारी नियुक्त होने के बाद भी अब तक लम्बित प्रकरणों का निस्तारण नहीं हो सका है। प्रदेश सचिव पंच ने पत्र में बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन मे नीति निर्धारण समिति की बैठक वर्ष 2013 में 231.46 करोड़ रुपए की लागत से जवाजा बिसलपुर बांध से जवाजा पंचायत समिति क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले 199 गांवो व 390 ढाणियों मे शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने की मंशा से प्रशासनिक एवं वितीय स्वीकृति जारी की। 30 अगस्त 2013 को कार्यादेश जारी कर 3 वर्ष मे पूरा किया जाना था। परियोजना को गति देने के लिए एक अधिशाषी अभियन्ता, 6 सहायक अभियन्ता, एक अकाउन्टेंट व एक एल.डी.सी. की नियुक्ति की गई थी। इसके बावजूद परियोजना का काम अधूरा पड़ा है।
इनका कहना है… परियोजना के तहत अधिकांश का काम पूरा हो चुका है। 66 उच्च जलाशय, 494 जीएलआर का निर्माण पूरा हो चुका है। जहां पर जमीन आवंटन का मामला पेंडिग है। वों भी अंतिम चरण में है। जल्द ही यह लम्बित काम पूरा कर परियोजना के शेष काम को पूरा करेंगे।
-एम.एल. उच्चेनिया, अधिशाषी अभियंता, जवाजा बीसलपुर परियोजना