ढाई सौ किलो खाद का प्रतिदिन होगा उत्पादन नगर परिषद स्थित गैराज के पास ही एमआरएफ यूनिट लगाई जाएगी। इस यूनिट से शहर से संग्रहित किए जाने वाले गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा। परिषद में आई इस मशीन से प्रतिदिन ढाई सौ किलो खाद बनाने की क्षमता है। इस खाद को एक स्थान पर संग्रहित किया जाएगा। बाद में इसका विक्रय कर नगर परिषद को राजस्व आय भी होगी।
प्रतिदिन साठ टन कचरा होता है संग्रहित शहर के साठ वाडऱ्ो से डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। इसके तहत प्रतिदिन अलग-अलग वार्डो से साठ टन कचरे का संग्रहण होता है। इनको डम्पिंग यार्ड में डाला जाता है। इनमें गीला कचरा भी शामिल है। इसके लिए शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में कचरा डिपो बना रखे है। यहां पर भी कचरे का संग्रहण समय पर नहीं होने से गंदगी रहती है। नगर परिषद की ओर से अब गीले कचरे का अलग से संग्रहण किया जाएगा।
15 ऑटो टीपर से होता है कचरा संग्रहण शहर के साठ वार्ड में 15 ऑटो टीपर संचालित है। यह शहर के साठ वार्ड से कचरा संग्रहित कर रहे है। प्रतिदिन एक ऑटो टीपर चार वार्डो में जाकर कचरा संग्रहित करते है। प्रत्येक ऑटो प्रतिदिन चार वार्ड में जाता है। कचरा संग्रहित करता है। इस कचरे का डम्पिंग यार्ड में जाकर निस्तारण किया जाता है। यह प्रोसेस यूनिट लगने के बाद गीले कचरे से खाद बनेगी।
इनका कहना है… नगर परिषद की ओर से एमआरएफ की स्थापना की जा रही है। इसमें गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा। इससे कॉलोनियों में गीले कचरे से होने वाली गंदगी निजात मिलेगी। लोग घरों में गीले कचरे का अलग से संग्रहण करें एवं डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने आने वाले टिपर में उसे डाले दे। ताकि शहर को स्वस्थ व सुंदर रख सके।
-चिराग गोयल, सहायक अभियंता, नगर परिषद