scriptपानी की तरह पैसा बहाया पर नहीं बहा पानी | beawar | Patrika News

पानी की तरह पैसा बहाया पर नहीं बहा पानी

locationब्यावरPublished: Jul 15, 2020 04:36:02 pm

Submitted by:

Bhagwat

करोड़ों खर्चे पर इस चौमासा भी नहीं पहुंचेगा फुलसागर में पानी
देवाता फीडर : 98 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति मिली, दो साल से वितीय स्वीकृति का इंतजार, फीडर में जाने वाली मिट्टी को रोकने के लिए बनेगी दीवार ताकि जवाजा से काबरा तालाब तक पहुंच सके पानी, थूनी के थाक का पुलिया करना होगा नीचा

पानी की तरह पैसा बहाया पर नहीं बहा पानी

पानी की तरह पैसा बहाया पर नहीं बहा पानी

ब्यावर. देवाता फीडर परियोजना को शुरु हुए करीब सात साल से अधिक का समय हो चुका है। इस परियोजना के तहत अब भी काम पूरा नहीं हो सका है। सात करोड सतर लाख की परियोजना में खुदाई का काम पूरा हो चुका है। फीडर में जमा मिट्टी ने योजना की मंशा पर पानी फेर दिया है। पानी जवाजा से फुलसागर की ओर जाने के बजाए लौटकर वापस जवाजा तालाब की ओर ही जा रहा है। करीब दो साल पहले मिट्टी के अवरोध को हटाने एवं थूनी का थाक की पुलिया को नीचा करने के लिए 98 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति हो गई। दो साल निकल जाने के बावजूद इस प्रस्ताव को वितीय स्वीकृति नहीं मिल सकी। इसके चलते यह काम अटका पड़ा है। अब बरसात का मौसम शुरु हो चुका है। सावन माह चल रहा है। इस चौमासा भी इसके काम पूरे होने के आसार कम ही है। ऐसे में सात करोड से अधिक खर्च करने के बावजूद काबरा व फुलसागर के तालाब तक इस चौमासा भी पानी पहुंच नहीं सकेगा। करीब आधी सदी से फूलसागर का तालाब रीता पड़ा है। जवाजा तालाब का ओवर फ्लो होने वाला पानी देवाता फीडर के जरिए काबरा तालाब में होते हुए फूल सागर तक पहुंच सके। ताकि सालों से रीते पड़े इन तालाब तक भी पानी पहुचं सके। इसके लिए सिंचाई विभाग ने करीब 770 लाख की योजना बनाकर तैयार की। इस योजना के तहत फीडर खुदाई का कम पूरा हो चुका है। काम होने के साथ ही जवाजा राजमार्ग से थूनी का थाक तक आस-पास के खेतों की मिट्टी बहकर फीडर में जमा हो गई। इससे पानी के बहाव क्षेत्र में अवरोध बना है। इस समस्या के समाधान के लिए सिंचाई विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भिजवाए। इनको वर्ष 2018 में ही प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई। दो साल बीत जाने के बावजूद वितीय स्वीकृति नहीं मिल पाने से यह काम अटका पड़ा है। पुलिया भी बना व्यवधानथूनी के थाक के पास बना पुलिया फीडर के बहाव क्षेत्र में आ रहा है। इस पुलिया को फीडर में आ रहे व्यवधान को दूर करने के लिए नीचा करना होगा। इस पुलिया को नीचे करने का प्रस्ताव बनाकर भिजवाया गया। इसको वर्ष 2018 में प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई। लेकिन करीब दो साल बीत जाने के बावजूद अब तक वितीय स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
इनका कहना है…

देवाता फीडर का काम हो चुका है। थूनी का थाक के पास पुलिया ऊंचा होने से पानी आगे जाने में समस्या आ रही है। इस पुलिया को नीचे करने का प्रस्ताव बनाकर भिजवाया। इसको प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। वितीय स्वीकृति नहीं होने से काम नहीं हो सका है।
-सुभाष शर्मा, सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो