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गौण मंडी सुधारेगी कृषि उपज मंडी की माली हालत-

locationब्यावरPublished: Oct 08, 2021 12:49:45 pm

Submitted by:

Bhagwat

कृषि आधारित इंडस्ट्री को गौण मंडी के दायरे में लिया, कृषि उपज मंडी इनसे वसूलेगी टैक्स, मंडी आय में हो रही गिरावट से मिलेगी राहत

गौण मंडी सुधारेगी कृषि उपज मंडी की माली हालत-

गौण मंडी सुधारेगी कृषि उपज मंडी की माली हालत-

ब्यावर. कृषि उपज मंडी में जिंसों की आवक कम होने से मंडी आय पर विपरित प्रभाव पड रहा था। मंडी प्रशासन को जो बारह से राजस्व मिलता था। केन्द्र सरकार के गत साल लाए गए नए कृषि कानून के बाद आय में भारी गिरावट आई है। मंडियों की लगातार राजस्व की गिरती स्थिति को देखकर अब प्रदेश सरकार ने कृषि आधारित इडस्टी को गौण मंडियां का दर्जा दिया है। मंडी प्रशासन इनसे राजस्व वसूली कर सकेगा। इससे मंडियों की माली हालत मजबूत हो सकेगी। ब्यावर कृषि उपज मंडी क्षेत्र में19 फूड प्रोसेसिंग यूनिट है। जिन्हें गौण मंडी का दर्जा मिला है। केंद्र सरकार द्वारा जून 2020 में नए कृषि कानून लागू करने के बाद कृषि उपज मंडियों की आय में गिरावट आई थी। मंडी की चारदिवारी में ही मंडी कानून होने से मंडी के अंदर आने वाली जिंसों पर ही मंडी प्रशासन शुल्क ले सकता था। ऐसे में ब्यावर जैसी मंडियों पर इसका अधिक असर सामने आया था। जिसके चलते मंडियों की राजस्व स्थिति में खासी गिरावट हुई। मंडियों को इस आर्थिक संकट से उबारने के लिए राÓय सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रदेश की विभिन्न कृषि उपज मंडियों के कार्यक्षेत्र में स्थित कृषि आधारित उद्योगों, कृषि प्रसंस्करण इकाई, क्लिनिंग ग्रेडिंग, मूल्य संवर्धन ईकाई, वेयर हाउस व कोल्ड स्टोरेज को गौण मंडी माना है। इनमें वों इंडस्ट्री शामिल है। जिसमें कृषि उपज मंडी टैक्स वसूल कर सकती है। अधिसूचना जारी होने के बाद अब कृषि आधारित इंडस्ट्री मंडी प्रशासन को टैक्स अदा करेंगे। कृषि मंडी को गुड़,चीनी, कपास, मिर्च, लकड़ी, धनिया, तेंदूपत्ता के बिक्री से बाहरी व्यापारियों से टैक्स की आय होती थी। मंडी प्रशासन के अनुसार बाजार में लगभग &5 थोक व्यापारी थे। इन थोक व्यापारियों से प्राप्त होने वाला टैक्स कृषि मंडी की आय का प्रमुख साधन था। नए कृषि कानून लागू होने के बाद बाहरी टैक्स बंद होने से मंडी आय में गिरावट हुई। कृषि उपज मंडी के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2018-19 में कृषि मंडी को एक करोड़ 8& लाख की वार्षिक आय हुई थी। जबकि वर्ष 2019-20 में यह आय घटकर एक करोड़ &8 लाख रुपए रह गई। मंडी की सालाना आय गत वर्ष की अपेक्षा में लगभग 45.07 लाख रुपए कम हुई। नई व्यवस्था लागू होने से अब मंडी की आय बढ़ेगी।
ब्यावर में 19 गौंण मंडी, जिले में 224जिले में कुल 224 यूनिट

कृषि आधारित इंडस्ट्री है। इनमें अजमेर कृषि उपज मंडी के अंंतर्गत 80, बिजयनगर 24, किशनगढ़ 49, केकड़ी की 52 व ब्यावर की 19 फूड प्रोसेसिंग यूनिट शामिल हैं। जिनसे अब संबंधित मंडी राजस्व वसूली कर सकेगी।
इनका कहना है…

मंडी कानून चारदिवारी के अंदर ही मान्य होने का कानून आने के बाद आय में कमी हुई थी। मंडी से बाहर कृषि जिंसों के व्यापार पर टैक्स नहीं मिल रहा था। अब फुड प्रोसेसिंग, आटा, दाल, कपास जिनिंग सहित कृषि आधारित उद्योगों को निजी गौण मंडी घोषित कर दिया है। ब्यावर में 19 फर्म कृषि प्रसंस्करणकर्ता यूनिट के दायरे में शामिल है। इससे राजस्व आय में बढोतरी होगी।
– महेश शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी, ब्यावर

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