जान की नहीं परवाह, मंहगे इंजेक्शन मंगवा रहे बाहर से
ब्यावरPublished: Oct 20, 2021 02:29:06 pm
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत इंजेक्शन उपलब्ध होने के बावजूद कर रहे मना, मजबूरी में परिजनों को मंहगे भाव से खरीदना पड़ रहा बाहर से, सरकार की मंशा पर फेर रहे पानी
जान की नहीं परवाह, मंहगे इंजेक्शन मंगवा रहे बाहर से
ब्यावर. हृदयरोगियों के लिए एक-एक मिनट का समय कीमती होता है। कुछ समय बरती गई कोताही उसके जीवन के लिए कष्टदायक हो सकती है। इसके बावजूद अमृतकौर चिकित्सालय के डीडीसी काउंटर पर दवा उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को मना किया जा रहा है। इससे मरीज के परिजनों को इंजेक्शन के लिए बाहर मेडिकल स्टोर से बडी कीमत पर खरीदनी पड़ रही है। इसमें मरीज को इंजेक्शन लगने में भी देरी हो रही है। जो उनके स्वास्थ्य के लिए परेशानी दायक हो सकती है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया है। इसमें डीडीसी काउंटर पर बैठे कार्मिकों ने एनोक्सापेरिन इंजेक्शन नहीं होने की बात कहकर मरीज के परिजन को रवाना कर दिया। ऐसे में मरीज को लाइफ लाइन से यह इंजेक्शन पांच सौ बीस रुपए में खरीदना पड़ा। जबकि डीडीसी स्टोर में यह इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जानकारी अनुसार मुन्नीदेवी की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे अमृतकौर चिकित्सालय लेकर गए। जहां पर चिकित्सकों ने उसको भर्ती कर दिया। चिकित्सकों ने एनोक्सापैरिन इंजेक्शन लिखा। मरीज के परिजन यह इंजेक्शन लेने के लिए डीडीसी काउंटर पर पहुंचे। जहां पर कार्यरत कार्मिकों ने यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर बाहर से लेने की सलाह दे दी। बाद में परिजन आनन-फानन में लाइफ लाइन ड्रग स्टोर पर पहुंचे। वहां से यह इंजेक्शन खरीदा। जहां पर इस इंजेक्शन के पांच सौ बीस रुपए अदा करने पड़े। जबकि सीसीयू में भर्ती मरीज पांच दवा लिखी गई थी। इसमें तीन टेबलेट तो दे दी लेकिन इंजेक्शन स्टॉक में नहीं होने का हवाला देकर बाहर से लेने की सलाह दे दी।
यह काम आता है इंजेक्शन
यह इंजेक्शन खून का पतला करने, क्लॉट होने से होने वाले नुकसान को कम करने के काम आता है। अधिकांश हृदयरोगियों के उपचार में काम लिया जाता है। हृदयरोगियों का खून गाढा होने पर खून का थक्का जमने पर चिकित्सक यह इंजेक्शन लगाने की सलाह देते है। कोरोना संक्रमण बढा तो इस इंजेक्शन की खपत बढ गई थी। अब इस इंजेक्शन की आवश्यकता में कमी आई है।
इनका कहना है…
यह इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसकी स्टॉक में कोई कमी नहीं है। अगर काउंटर से यह इंजेक्शन नहीं दिया गया है तो इसकी जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. सुरेन्द्रसिंह चौहान, पीएमओ, अमृतकौर चिकित्सालय, ब्यावर