धुआं हुआ सायरन, फव्वारे में बहे 27 लाख
ब्यावरPublished: Jan 18, 2022 08:24:08 pm
राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय : फायर फाइटिंग सिस्टम पर किए खर्च 27 लाख, एक बार भी नहीं आया काम, मदर चाइल्ड विंग में आग लगी तो भी नहीं बजा सायरन, करीब दो साल पहले लगाया सिस्टम, संचालित करने के लिए कर्मचारी तक तैनात नहीं, उपयोग से पहले ही टूटने का लगा सिस्टम
धुआं हुआ सायरन, फव्वारे में बहे 27 लाख
ब्यावर. राजकीय अमृतकौर अस्पताल में करीब दो साल पहले लगाए गए फायर फाइटिंग सिस्टम बेकार होने लगा है। जगह-जगह लगी पाइप लाइन सहित अन्य उपकरणों की कोई सार संभाल करने वाला तक नहीं है तो कई जगह पर पाइप लटक रहे है। इन दो सालों में फायर फाइटिंग सिस्टम का एक बार भी न तो सायरन बजा एवं न ही इस सिस्टम का कोई उपयोग किया जा सका। मदर चाइल्ड विंग की एनआईसीयू वार्ड में आग लगी तो भी फायर फाइटिंग सिस्टम का सायरन नहीं बजा न ही इस सिस्टम को आग पर काबू पाने के काम लिया जा सका। इसके बावजूद मुख्य भवन एवं मदर चाइल्ड विंग में लगे सिस्टम में सुधार को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाने से लाखों रुपए का सिस्टम पड़ा-पडा खराब हो रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में आग से होने वाले नुकसान और मरीजों की जान को खतरे को कम करने के लिए प्रदेश के कई जिला अस्पतालों में तीन साल पहले एंटी फायर सिस्टम और फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाने का निर्णय लिया। इसी के तहत 27 लाख रुपए का बजट से अमृतकौर में भी आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया गया। इसके लगाए हुए करीब दो साल बीत चुके है लेकिन इस सिस्टम की कोई सार संभाल करने वाला तक नही ंहै।यह किया गया था दावाफायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के समय दावा किया गया था कि इस सिस्टम के चालु होने के बाद आग लगने के साथ ही अस्पताल में सायरन बज उठेगा। आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम से पानी का फव्वारा निकलेगा, जिससे दमकल के पहुंचने तक आग बेकाबू न हो। इसके लिए तीन टैंक बनाए गए है।ऐसे काम करना था सिस्टमफायर डिटेक्शन सिस्टम में सेंसर लगे हुए हैं। ये सेंसर धुएं को लेकर अतिसंवेदनशील होने का दावा किया गया। जो मामूली से धुएं भी एक्टिवेट हो जाते हैं। धुंए के सिग्नल मिलते ही ये सेंसर फायर पैनल को संदेश भेजते हैं। फायर पैनल से संदेश मिलने पर फायर अलार्म बज उठता है और संबंधित डिपार्टमेंट की विद्युत सप्लाई ऑटोमैटिक बंद हो जाती है। इसके साथ ही एंटी फायर सिस्टम भी एक्टिवेट हो जाता है और वॉटर टैंक से कनेक्ट सिस्टम से पानी की बौछार भी शुरू होने का सिस्टम होने का दावा किया गया। अस्पताल में कई बार शॉर्ट सर्किट के मामले हुए या फिर मदरचाइल्ड विंग मे एसएनसीयू वार्ड मे आग लगने की घटना। इस दौरान न तो सायरन बजा एवं न ही इस सिस्टम का उपयोग किया जा सका।
इनका कहना है…
फायर फाइटिंग सिस्टम को संचालित करने के लिए स्टाफ नहीं लगा है। इसके लिए स्टाफ लगाया जाना है।
-सिद्धांत जोशी, हैल्थ मैनेजर, अमृतकौर चिकित्सालय