scriptमरीज कराहते है लेकिन उपचार के लिए… | beawar | Patrika News

मरीज कराहते है लेकिन उपचार के लिए…

locationब्यावरPublished: Jan 20, 2022 12:30:02 pm

Submitted by:

Bhagwat

हर साल दो हजार से अधिक सड़क हादसे सहित अन्य मामलों में चोटिल होकर अमृतकौर चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड में होते है भर्ती, घायल होने वालों में पुरुष घायल चार गुना अधिक, सिर में चोट के छह सौ से अधिक मरीज होते है भर्ती, न्यूरों सर्जन की सुविधा नहीं होने से अधिकांश को करना पड़ता है रेफर

ब्यावर. अमृतकौर चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड में हर साल दो हजार से अधिक मरीज भर्ती होते है। इसमें अधिकांश सड़क हादसे में घायल होकर भर्ती होने वाले मरीज होते है। इनमें सिर में चोट के मरीज की संख्या सबसे अधिक रहते है। गत साल के आंकडों पर नजर डाले तो 634 मरीज सिर की चोट के भर्ती हुए। इनमें से अधिकांश मरीजों को यहां पर सुविधा नहीं होने के कारण हायर सेंटर के लिए रेफर करना पड़ता है। कई मरीजों को समय पर समुचित उपचार नहीं मिल पाने के कारण मृत्यु हो जाती है। गत साल ट्रोमा वार्ड में 24 जनों की सांसे थमी। यहां से रेफर होने के बाद मरने वालों का आंकडा अलग से है। अमृतकौर चिकित्सालय में हर साल सड़क हादसे सहित अन्य हादसों में घायल होकर करीब दो हजार से अधिक घायल ट्रोमा वार्ड में भर्ती होते है। जबकि चोटिल होकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या साढे तेरह हजार के करीब रहती है। ऐसे में औसत हर माह चोटिल होकर एक हजार घायल उपचार करवाने के लिए ट्रोमा वार्ड में उपचार लेते है। सड़क हादसों में चोटिल होने वालों एवं घायल होकर भर्ती होने वालों का बडा आंकडा है। इसके बावजूद अमृतकौर चिकित्सालय में सुविधाओं का इजाफा नहीं किया जा रहा है तो शहर में यातायात के नियमों की पालना को लेकर प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है। घायलों में पुरुषों की संख्या अधिकअमृतकौर चिकित्सालय में घायल होकर पहुंचने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक रहती है। हर साल करीब 1600 से अधिक पुरुष घायल होकर ट्रोमा वार्ड में भर्ती होते है। जबकि महिला घायलों की संख्या पांच सौ के करीब रहती है। इसके अलावा हड्डी टूटने के मरीजों की संख्या भी खासी रहती है। इसके बावजूद भी अस्पताल में हड्डी वार्ड बंद पड़ा है।
अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में भर्ती हुए मरीज : एक नजर
कुल भर्ती मरीज – दो हजार 351
भर्ती पुरुष घायल – 1606
भर्ती महिला घायल – 496
हड्डी टूटने के मरीज -409
सिर में चोट के मरीज -634
अस्पताल से रेफर हुए – 563
कुल मृत्यु – 24
(आंकडे जनवरी से दिसम्बर 2021 तक के ट्रोमा वार्ड के )
इनका कहना है…
अस्पताल में मरीजों का दबाव अधिक रहता है। संसाधनों की कमी के अलावा विशेष चिकित्सक नहीं होने से परेशानी होती है। अस्तपाल में पद सृजित करने एवं सुविधा बढ़ाने के लिए लिखा है।
-डॉ. सुरेन्द्रसिंह चौहान, पीएमओ, अमृतकौर चिकित्सालय
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो