अस्पताल में मरीजों का दबाव अधिक रहता है। संसाधनों की कमी के अलावा विशेष चिकित्सक नहीं होने से परेशानी होती है। अस्तपाल में पद सृजित करने एवं सुविधा बढ़ाने के लिए लिखा है।
-डॉ. सुरेन्द्रसिंह चौहान, पीएमओ, अमृतकौर चिकित्सालय
ब्यावरPublished: Jan 20, 2022 12:30:02 pm
Bhagwat
हर साल दो हजार से अधिक सड़क हादसे सहित अन्य मामलों में चोटिल होकर अमृतकौर चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड में होते है भर्ती, घायल होने वालों में पुरुष घायल चार गुना अधिक, सिर में चोट के छह सौ से अधिक मरीज होते है भर्ती, न्यूरों सर्जन की सुविधा नहीं होने से अधिकांश को करना पड़ता है रेफर