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महंत के हत्यारों को आजीवन कारावास

locationब्यावरPublished: May 11, 2022 08:29:10 pm

Submitted by:

Bhagwat

महंत के हत्यारों को आजीवन कारावासमहिला समेत तीन को सुनाई सजा

महंत के हत्यारों को आजीवन कारावास

महंत के हत्यारों को आजीवन कारावास

ब्यावर. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 2 संजय कुमार ने शहर के सूरजपोल गेट बाहर स्थित राम लखनदास बगीची के महंत विशम्भरदास की हत्या के मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया। अभियुक्त अजमेर निवासी दीपक, कुचामन निवासी शुभम और तबीजी निवासी मोनिका को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है।मामले के अनुसार 25 जनवरी 2013 को क्षेत्रवासियों को सूरजपोल गेट बाहर स्थित राम लखनदासजी की बगीची स्थित हनुमान मंदिर के महंत विशम्भरदास का शव मंदिर की खिडक़ी से बंधे होने की जानकारी मिली। उन्होंने इसकी सूचना सिटी थाना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को अमृतकौर चिकित्सालय पहुंचाया। पुलिस को प्रारंभिक तौर पर मामला आत्महत्या की बजाए हत्या का लग रहा था। मौके से कीटनाशक दवा के पाउच, उल्टी, चाकू व मोबाइल फोन बरामद किया। मौके से फिंगर प्रिट भी लिए। सबूतों, फिंगर प्रिंट तथा मोबाइल को लेकर पुलिस ने जांच की।
कॉल डिटेल ने उगला राजपुलिस को महंत के मोबाइल की काॅल डिटेल खंगालने पर महंत की आखिरी बार दातानगर क्रिश्चयनगंज अजमेर निवासी दीपक से बात होना सामने आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। उसने पुलिस को बताया कि उसकी महंत से जान-पहचान थी। वह महंत से रुपए हडपना चाहता था। इसके लिए उसने अपने दोस्त कुचामन, नागौर निवासी शुभम को साथ लिया। वे अपनी महिला मित्र तबीजी निवासी मोनिका उर्फ मोना को साथ लेकर 24 जनवरी 2013 को ब्यावर पहुंचे। जहां उन्होंने मोनिका को महंत से मिलवाया। फिर महंत को बदनाम करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की। महंत ने उन्हें रुपए देने से इंकार कर दिया तो तीनों ने गला दबाकर हत्या कर दी।
हत्या को दिया आत्महत्या का रूपअभियुक्तों ने वारदात को आत्महत्या का रूप देने के लिए महंत के शव को खिड़की के जंगले से बांध दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए मौके पर कीटनाशक दवा के पैकेट भी बिखेर दिए। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से अनिल कुमार मिश्रा तथा राकेश परेवा ने मामले की सुनवाई के दौरान 58 दस्तावेज व 20 गवाह पेश किए।
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