कॉल डिटेल ने उगला राजपुलिस को महंत के मोबाइल की काॅल डिटेल खंगालने पर महंत की आखिरी बार दातानगर क्रिश्चयनगंज अजमेर निवासी दीपक से बात होना सामने आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। उसने पुलिस को बताया कि उसकी महंत से जान-पहचान थी। वह महंत से रुपए हडपना चाहता था। इसके लिए उसने अपने दोस्त कुचामन, नागौर निवासी शुभम को साथ लिया। वे अपनी महिला मित्र तबीजी निवासी मोनिका उर्फ मोना को साथ लेकर 24 जनवरी 2013 को ब्यावर पहुंचे। जहां उन्होंने मोनिका को महंत से मिलवाया। फिर महंत को बदनाम करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की। महंत ने उन्हें रुपए देने से इंकार कर दिया तो तीनों ने गला दबाकर हत्या कर दी।
हत्या को दिया आत्महत्या का रूपअभियुक्तों ने वारदात को आत्महत्या का रूप देने के लिए महंत के शव को खिड़की के जंगले से बांध दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए मौके पर कीटनाशक दवा के पैकेट भी बिखेर दिए। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से अनिल कुमार मिश्रा तथा राकेश परेवा ने मामले की सुनवाई के दौरान 58 दस्तावेज व 20 गवाह पेश किए।