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‘कोमा’ में है अस्पताल का आईसीयू वार्ड

locationब्यावरPublished: Aug 03, 2022 08:51:22 pm

Submitted by:

Bhagwat

रोगियों को नहीं मिल रहा लाभ
वार्ड पर ताला, विभाग उपलब्ध नहीं करवा रहा नर्सिंग स्टाफ

‘कोमा’ में है अस्पताल का आईसीयू वार्ड

‘कोमा’ में है अस्पताल का आईसीयू वार्ड

भगवतदयालसिंह

ब्यावर. अमृतकौर चिकित्सालय की जरूरतों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग नजरअंदाज कर रहा है। जिसके चलते मरीजों की जान बचाने वाले लाखों की लागत के चिकित्सा उपकरण धूल फांक रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि मशीनों से धूल तक साफ नहीं होती। अत्याधुनिक मशीनें आने के बाद गिनती के मरीजों का उपचार भी नहीं हो सका है। स्टाफ नहीं होने से आईसीयू वार्ड को ही बंद कर दिया गया है। ऐसे में लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद इसका फायदा आमजन को नहीं मिल पा रहा है।
पहले इतना साजो-सामान

अमृतकौर चिकित्सालय में 16 बेड के आईसीयू वार्ड का कुछ माह पूर्व ही संचालन शुरु किया गया। चिकित्सा विभाग की ओर से प्रदेश के 48 अस्पतालों में आईसीयू वार्ड शुरु किए गए। इसमें अमृतकौर चिकित्सालय भी शामिल रहा। इस वार्ड में करीब 86 लाख की लागत की अत्याधुनिक मशीनें भी आईं। वार्ड में रक्तचाप सहित अन्य जांचों के लिए हर बेड पर सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग के उपकरण लगाए गए। ऑक्सीजन लाइन भी नई डाली गई।
सीएम ने किया था उद्घाटन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। यह वार्ड कुछ दिनों तक तो चलता रहा लेकिन बाद में नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण वार्ड पर ताला लटका दिया गया। ऐसे में लाखों के चिकित्सा उपकरण पड़े-पड़े ही खराब हो रहे हैं।
छह बेड का आईसीयू पहले से ही बंद

अमृतकौर चिकित्सालय में पूर्व में छह बेड का आईसीयू वार्ड संचालित हो रहा था। कोविड संक्रमण के बाद से वार्ड करीब तीन साल से बंद पड़ा है। ऐसे में गंभीर मरीजों का उपचार भी हाल में सीसीयू वार्ड में ही किया जा रहा है। इस आईसीयू वार्ड में लगे उपकरण भी देखरेख के अभाव में खराब हो गए।
इन वार्डों पर भी लटके ताले

इसके अलावा हड्डी वार्ड, नेत्र रोग वार्ड, नाक-कान गला रोग वार्ड एवं आइसोलेशन वार्ड भी बंद पड़े हैं।

खाली पड़े हैं इतने पद

चिकित्सालय में 16 सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, 17 नर्सिंग ऑफिसर, दो नर्सिंग अधीक्षक एवं एक जिला नर्सिंग अधीक्षक का पद रिक्त चल रहा है। हाल में नर्सिंग स्टाफ का स्थानान्तरण होकर यहां से तो दूसरे स्थानों पर गए लेकिन वापस यहां पर स्टाफ नहीं लगाए जाने से व्यवस्था खासी प्रभावित हुई। हाल में नर्सिग अधीक्षक की व्यवस्था संभालने के लिए मुख्य भवन एवं एमसीएच विंग की व्यवस्था अलग-अलग है।
इनका कहना है…

आईसीयू वार्ड का स्टाफ नहीं है। विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण वार्ड नहीं खोल पा रहे हैं। वार्डों सहित अन्य स्थान पर लगे नर्सिंग स्टाफ को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। ताकि व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें।
डॉ. दिलीप चौधरी, पीएमओ, अमृतकौर चिकित्सालय

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