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झंडा कारोबार को लगे पंख

locationब्यावरPublished: Aug 15, 2022 09:27:49 am

प्रतिदिन 20 से 25 हजार झंडों की मांग, ब्यावर से अजमेर-किशनगढ़, उदयपुर तक जा रहे झंडे

झंडा कारोबार को लगे पंख

झंडा कारोबार को लगे पंख

ब्यावर. कोरोना के बाद मेलों का आयोजन पर लगी रोक ने झंडा कारोबार को पंख लगा दिए हैं। ***** के आगाज के साथ ही धार्मिक आयोजन शुरु हो जाएंगे। इसे लेकर धार्मिक झंडों की मांग बढ़ेगी। इस बार हर घर तिरंगा अभियान के चलते तिरंगे की मांग भी बढी है। झंडे बनाने वाले कारीगर इन दिनों व्यस्त हैं। ब्यावर से अजमेर, किशनगढ, उदयपुर, भीम, जैतारण सहित अन्य स्थानों पर झंडों की सप्लाई दी जा रही है। प्रदेश में देवताओं को चढाए जाने वाले ध्वज बनाने का शहर में सालों से काम होता है। बड़ा ध्वज बनाने के काम करने वाले अच्छे कारीगर ब्यावर में हैं। इसके चलते ब्यावर में झंडा व ध्वज का बड़ा काम है। तिरंगे झंडे तो बने-बनाए आते हैं। इस बार ***** में जगह-जगह मेले एवं विविध आयोजन होने से झंडों की मांग अधिक रहेगी। इसको देखते हुए व्यापारियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है
कोरोना काल के कारण झंडों की मांग कम हो गई थी। अब वापस मांग बढी है। इस बार हर घर तिरंगा अभियान के चलते तिरंगे की भी डिमांड है। झंडों की मांग को देखते हुए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
मनोजकुमार टेलर, झंडा व्यवसायी

इस बार झंडे की मांग बढी है। ब्यावर से अन्य शहरों में सप्लाई दी जा रही है। व्यापार अच्छा है। कोरोना काल में ग्राहकी कम हो गई थी। अब बढ गई है। होलसेल मांग भी अधिक है।
प्रकाशचन्द्र तांतेड, झंडा व्यवसायी

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