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जाति के फेर में सपने धूमिल

समय पर नहीं बन रहे जाति प्रमाण पत्र, करीब चार सौ से अधिक आवेदक कतार में

ब्यावरJul 26, 2019 / 07:04 pm

Bhagwat

जाति के फेर में सपने धूमिल

ब्यावर. उपखंड में जाति प्रमाण पत्र आवेदन बनने में एक पखवाड़े से अधिक समय लग रहा है। इससे आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने वाले आवेदक प्रवेश से वंचित हो जाते है। ऐसे में आवेदकों को तहसील कार्यालय व ई-मित्र पर बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे है। जाति प्रमाण पत्र बनाने की ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद आवेदकों को चक्कर से निजात नहीं मिल पा रही है। तहसील कार्यालय में जाति प्रमाण पत्र जारी होने से पहले जांच की जाती है। जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले प्रकरणों की संया बढ़ती जा रही है। क्रमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी होने की बात कहकर तहसील से टाल दिया जाता है। इसके अलावा आवेदक तहसील कार्यालय जाता है तो कभी सर्वर डाउन होने का कारण बता दिया जाता है तो कभी कमी होने के कारण उसकी खानापूर्ति के लिए ई-मित्रा से सपर्क करने का कारएा बता दिया जाता है। जबकि मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर लिबत प्रकरणों की संया कम है। मूल निवास प्रमाण पत्र दो से तीन दिन में जारी किए जा रहे है।
ई-मित्र व तहसील के मध्य आवेदक परेशान
जाति प्रमाण पत्र बनने में हो रही देरी के कारण आवेदक परेशान है। दस से पन्द्रह दिन तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे है। जब आवेदक तहसील जाते है तो उन्हें ई-मित्र पर स्टेटस देखने की सलाह देकर रवाना कर दिया जाता है। ई-मित्र पर जाते है तो तहसील में प्रक्रियाधीन होने की बात कहकर इतिश्री कर देते है। इससे आवेदक खासे परेशान हो रहे है।
केस संया :एक
जाति प्रमाण पत्र ने अटकाया प्रवेश
केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए गणेशपुरा मार्ग निवासी पूजा ने आवेदन किया। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पूजा का प्रवेश सूची में नाम आ गया। जाति प्रमाण पत्र में खामी होने से उसे दुरुस्त करवाकर जमा करवाने को कहा गया। पूजा ने जाति प्रमाण पत्र में रही खामी को दुरुस्त करवाने के लिए ई-मित्रा के जरिए आवेदन किया। लेकिन निर्धारित तिथि निकलने तक जाति प्रमाण पत्र में संशोधन नहीं हो सका। ऐसे में वों केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश से वंचित रह गई।
केस संया : दो
जवाजा के निकटवर्ती गांव निवासी एक युवती का कांस्टेबल में चयन हो गया। युवती ने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए नौ जुलाई को आवेदन किया। शनिवार को युवती के मूल दस्तावेज की जांच की जाएगी। युवती ने कई बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाए लेकिन जाति प्रमाण पत्र नहीं बन सका। ऐसे में युवती का कांस्टेबल भर्ती से बाहर होने की चिंता बढ़ गई है।
केस संया : तीन
हाल ही में 22 जुलाई को भीलवाड़ा में अजमेर जिले की सैनिक भर्ती रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में क्षेत्र के कई युवकों का चयन हुआ। इसमें ऐसे आवेदक भी शामिल है। जिनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाने के कारण वों भर्ती रैली में भाग नहीं ले सका। विरेन्द्रसिंह ने बताया क उसने जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया। इसके चलते वों भीलवाड़ा में हुई सैनिक भर्ती रैली में शामिल नहीं हो सका।
इनका कहना है…
जाति प्रमाण पत्र बनाने का दबाव अधिक है। जितने प्रतिदिन जाति प्रमाण पत्र बनते है। उतने ही नए आवेदन आ जाते है। क्रमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है।
-दिनेश शर्मा, तहसीलदार
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