खतरे में है इसका वजूद
ब्यावरPublished: Jun 25, 2019 04:35:15 pm
प्रशासन की अनदेखी से परकोटा गिन रहा है अंतिम सांसे
ब्यावर. ब्यावर के ऐतिहासिक परकोटे का वजूद खतरे में है। इसे जगह जगह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है और कईं जगहों पर अतिक्रमण भी कर लिया गया है। लेकिन जिमेदारों ने इसकी सुध लेना मुनासिब नहीं समझा है और यही कारण है कि अतिक्रमियों के हौंसले बुलंद है। जबकि इस परकोटे के सुंदरता देखते ही बनती थी। परकोटे की जमी अरबों रुपए की जमीन पर कुछ लोगों ने अपना कब्जा कर लिया एवं अब मजे से उसका उपयोग कर रहे है। प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब ऐसे में कुछ स्थानों पर बचा परकोटा भी अंतिम सांसे गिन रहा है। जबकि बिचड़ली तालाब के पास बने परकोटे के रखरखाव किया जाता है। इस पर अतिक्रमण नहीं करने दिया जाता तो बिचड़ली तालाब की सुंदरता का चार चांद लगने के साथ तालाब में अतिक्रमण नहीं होता। इसी प्रकार चांगगेट पर इस परकोटे को बचाकर रखा जा सकता था। इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हालात यह है कि परकोटे को तोड़कर जगह-जगह लोगों ने इस जमीन का व्यावसायिक उपयोग तक शुरु कर दिया है।
प्रशासन की अनदेखी से होसले बुलंद
शहर के अजमेरी गेट, मेवाड़ी गेट व चांगगेट के आस-पास परकोटे को क्षतिग्रस्त किया गया। हालात यह है कि इन शहर के सुंदरता बढ़ाने वाले दरवाजों के पास यह परकोटे शहर को सुंदरता का परिचायक रहा। इस परकोटे को तोड़कर ही दुकानों का विस्तार कर लिया गया तो कहीं पर अन्य उपयोग किया जाने लगा। परकोटे को तोडऩे वाले अधिकांश लोग रसूखदार है। ऐसे में प्रशासन भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं करता है।
खस्ताहाल होने लगा परकोटा
कर्नल डिक्सन ने शहर को बसाया तब इसके चारों ओर परकोटा बनाया गया। यह परकोटा चांगगेट, मेवाड़ी गेट, सुरजपोल गेट व अजमेरी गेट तक जुड़ा हुआथा। अब धीरे-धीरे यह परकोटा खत्म हो गया है। कुछ स्थानों पर यह परकोटा अब भी मूल रूप में नजर आता है। जानकारों के अनुसार परकोटे की लबाई 1056 9 फीट एवं इसका माप करीब 8 8 416 1 क्यूबिक फीट है। परकोटे में जगह-जगह बुर्ज बने हुए है। एक बुर्ज तहसील कार्यालय परिसर में बना है। जो आज भी पुरानी यादों को ताजा करता है। हालांकि इनका रखरखाव नहीं होने से इनके पत्थर निकलने लगे है।