मदर चाइल्ड विंग में भर्ती प्रसूताओं को सुबह करीब ११ बजे चिकित्सकीय स्टाफ राउंड लेकर प्रसूताओं की छुट्टी तय करती है। इसके बाद प्रसूताओं को घर छोडऩे के लिए जेएसवाई योजना के अन्तर्गत लगे वाहनों के रूट चार्ज तैयार होते है। इसके बाद इन्हें वार्ड से नीचे भेज दिया जाता है और घर भेजे जाने वाली प्रसूताओं को बाहर एकत्र किया जाता है। तब जाकर उनके रूट के अनुरूप प्रसूताओं को वाहनों से घर के लिए रवाना किया जाता है। लेकिन इस सारी प्रक्रिया में समय अधिक लगता है और घर भेजी जाने वाली प्रसूताओं को अपने नवजात शिशुओं के साथ भवन के बाहर सीढि़यों पर बैठ कर वाहन का इंतजार करना पड़ता है।
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद की लम्बी कागजी कार्रवाई और फिर रूट पर जाने वाले वाहन के आने के इंतजार में घंटों बीत जाते है। इस दौरान रोने या भूख लगने पर प्रसूताओं को नवजात शिशु को स्तनपान कराना पड़ता है और उन्हेें मजबूरन खुले में ही अपने कपड़ों की ओट में ही शिशु को स्तनपान करना पड़ता है।
इस संबंध में मदर चाइल्ड विंग की प्रभारी डॉ. विद्या सक्सेना ने का कि ४० प्रसूताओं के डिस्चार्ज हुए और उन्हें घर छोडऩे के लिए वाहनों के रूट चार्ट भी तैयार किए जाते हैं। इससे जुड़े प्रशासिनक कार्य भी किए जाते हैं। इसके बाद ही प्रसूताओं को वाहन में घर भेजा जाता है। प्रसूताओं को परेशानी जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है।