टीम ने शुक्रवार को पुराने मुख्य भवन में संचालित व्यवस्थाओं का जायजा लिया, जबकि गुरुवार को मदर चाइल्ड विंग का निरीक्षण किया। इस टीम की मार्र्किंग में सत्तर फीसदी से अधिक अंक मिलने के बाद केन्द्रीय टीम निरीक्षण करेगी। टीम में शामिल मातृ स्वास्थ्य के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. गिरीश द्विवेदी व यूनिसेफ के डॉ. क्षितिज गौरान ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक श्रीवास्तव व हेल्थ मैनेजर सिद्धार्थ जोशी से मुलाकात की।
गौरतलब है कि पहली बार चार साल पहले हुए निरीक्षण में ब्यावर अमृतकौर चिकित्सालय ने तीसरा, दूसरे, तीसरे साल भी तीसरा व चौथे साल दूसरा स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर रहने पर अस्पताल को केन्द्र सरकार की ओर से बीस लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप मिली।
कर्मचारी का ही काटा चालान अमृतकौर चिकित्सालय की मदर चाइल्ड विंग के सामने खुले में लघु शंका निवारण करना एक कर्मचारी को महंगा पड़ गया। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की उस पर नजर पडऩे पर कर्मचारी के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ गार्ड से पेनल्टी की रसीद कटवाई। अस्पताल प्रशासन स्वच्छता को लेकर गंभीर है। खुले में लघु शंका निवारण कर गंदगी फैलाने वालों पर नियमित रुप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।