हिचकोले खा रहा ब्यावर का विकास
भगवतदयालसिंह
ब्यावर. पिछले डेढ़ दशक में शहर के विकास के कई ताने-बाने बुने गए। गौरव पथ, सतपुलिया विस्तारीकरण, सीवरेज एवं अमृत योजना के तहत डाली जाने वाली पाइप लाइन की योजना पर करोड़ों का बजट मिलने से विकास के पंख लगे। शहर की सरकार ने स्मार्ट सिटी का जो सपना देखा था, वो अमृत योजना के तहत पूरा होने की आशा जगी। सड़कों पर होने वाला खर्च की बचत से अन्य विकास के सपने भी संजोए गए। लेकिन विभागों के बीच आपसी तालमेल के अभाव एवं प्रशासन की आपसी खींचतान में शासन का अंकुश नहीं लग पाने से सभी विकास कार्य अधूरे पड़े है। करीब डेढ साल से गौरव पथ का
काम पूरा नहीं हो सका है। सतपुलिया विस्तारीकरण का काम तो शुरु हो गया लेकिन अब तक न तो पोल शिट हो सके है एवं न ही पेड़ों को काटने की अनुमति ही मिल सकी है। ऐसे में यह सारे विकास कार्य शासन व प्रशासन के लिए गलफांस बन गए है। जो न उगलते बन रहे हैएवं न ही निगलते।
गौरव पथ में बजट का रोड़ा
सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब डेढ साल पहले गौरव पथ निर्माण कार्य शुरु किया गया। करीब एक किलोमीटर बनने वाले गौरव पथ का काम तो तेजी से शुरु किया गया। यह काम विद्युत पोल शििटंग को लेकर ऐसा उलझा की अब तक पटरी पर नहीं आ सका है। अब भी डिवायडर का अधूरा काम पड़ा तो दोनों ओर नालियों का निर्माण नहीं हो सका है। इसके अलावा अब भी विद्युत पोल की समस्या जस की तस बनी है।
सतपुलिया विस्तारीकरण
सतपुलिया से लेकर नृसिंहपुरा तक सतपुलिया विस्तारीकरण के तहत काम शुरु किया गया। काम शुरु हुए करीब छह माह का समय बीत चुका है। अब तक यह काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। हालात यह हैकि विद्युत पोल शििटंग से पहले ही आनन-फानन में काम शुरु कर दिया गया। ऐसे में विद्युत पोल हाई रिस्क जोन में आ गए। ऐसे में निगम ने कुछ पोल हटाए। इसके बावजूद विद्युत पोल हटाने का मामला उलझा पड़ा है।
नहीं मिली अनुमति
गौरव पथ एवं सतपुलिया विस्तारीकरण की जद में 8 8 पेड़ आ रहे है। इन पेड़ को काटने के लिए अनुमति के लिए कलक्टर कार्य पत्रावली भिजवा दी गई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने पेड़ काटने की अनुमति तो मांग ली लेकिन वापस पेड़ लगाने की अपनी किसी कार्ययोजना का खुलासा नहीं किया। ऐसे में अब तक पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिल सकी है।
बनाना तो दूर अब तक तो लागत ही तय नहीं…
अमृत योजना के तहत जिन-जिन कॉलोनियों में पाइप लाइन डालने से सड़क क्षतिग्रस्त हुई। इन सड़कों को वापस निर्माण होना है। लबे समय तक तो यह मामला इसमें ही उलझा रहा कि इन सड़कों का निर्माण कौन करेगा?आखिर में यह तय हुआ कि नगर परिषद व सार्वजनिक निर्माण विभाग ही वापस अपनी-अपनी सड़कों का निर्माण कराएगी। इसके बाद नगर परिषद ने तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को डिमांड नोट दे दिया है। अब तक सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को डिमांड नोट ही नहीं दिया है। जबकि पूर्व में सार्वजनिक निर्माण सड़क तोडऩे पर थाने में शिकायत तक दे चुके है।
इनका कहना है…
विद्युत पोल हटाने को लेकर कुछ काम तो शुरु हुआ है। प्रयास यह है कि जल्द ही यह काम पूरा हो। फिलहाल आदर्शनगर चौराहा तक हाई रिस्क जोन वाले पोल तो हटाए जा रहे है।
-बबीता चौहान, सभापति, नगर परिषद
पोल शििटंग को लेकर प्रक्रिया चल रही है। इस सप्ताह में पोल शििटंग को लेकर रास्ता निकाल दिया जाएगा। ताकि सतपुलिया विस्तारीकरण व गौरव पथ का काम पूरा होने से शहर की सुंदरता व सहुलियत बढ़ सके।
-शंकरसिंह रावत, विधायक
विद्युत निगम की ओर से कुछ ही पोल हटाए गए है। अब भी पोल शििटंग का मामला अटका है। इस मामले में बातचीत चल रही है। गौरव पथ में नाला निर्माण व अन्य काम शेष है।
-एस.एस.सलूजा, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग
सतपुलिया विस्तारीकरण की जद में हाई रिस्क जोन में आए विद्युत पोल को शिट करने के लिए मंगलवार को शटडाउन लिया है। प्रात: दस से चार बजे तक विद्युत आपूर्ति बंद रहेगी। इसमें निगम अपने स्तर पर जो हटा सकता है। उसे हटाएंगा।
-डी.के.गुप्ता, सहायक अभियंता, सीएसडी प्रथम