नून्द्री मालदेव होगा उपखंड का पहला रिंग सिस्टम जीएसएस, सीएसडी द्वितीय के 25 हजार उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
फॉल्ट होते ही दूसरे जीएसएस से मिलेगी बिजली
नून्द्री मालदेव होगा उपखंड का पहला रिंग सिस्टम जीएसएस, सीएसडी द्वितीय के 25 हजार उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
भगवतदयालसिंह
ब्यावर. नून्द्रीमालदेव में बन रहा 33 केवी का जीएसएस रिंग सिस्टम से जुड़ेगा। इससे सीएसडी द्वितीय के करीब 25 हजार उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। यह उपखंड का पहला जीएसएस होगा जिसमें रिग सिस्टम से जुडऩे के बाद एक जीएसएस में फाल्ट आने पर तत्काल दूसरे जीएसएस को जोड़कर उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई कर दी जाएगी। नून्द्री मालदेव में जीएसएस का निर्माण कार्य करीब दो माह में पूरा हो जाएगा। इस जीएसएस के निर्माण से मालपुरा, अतीतमंड, नून्द्री मालदेव व नरबदखेड़ा ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाएगा। इससे नए फीडर भी बनेंगे। इससे तकनीकी फाल्ट आने पर उसे जल्द दुरुस्त किया जा सके। नून्द्री मेन्द्रातान जीएसएस के पास विकसित हो रही नई कॉलोनियों के दबाव को देखते हुए भविष्य में यहां पर सहायक अभियंता कार्यालय की आवश्यकता भी हो सकती है। इसको
ध्यान में रखकर ही इसका निर्माण किया जा रहा है ताकि विद्युत भार बढऩे पर इसको सहायक अभियंता कार्यालय के रुप में भी विकसित किया जा सके।
ऐसे करेगा
काम नून्द्री मालदेव में बन रहे 33 केवी जीएसएस को रिग सिस्टम से जोड़ा गया है। जो 33 केवी जीएसएस जवाजा एवं 33 केवी जीएसएस आईओसी लाइन से जुड़ा रहेगा। ऐसे में अगर जवाजा 33 केवी जीएसएस की लाइन में फाल्ट आता हैतो इस लाइन से हटाकर आईओसी लाइन जीएसएस से जोड़ दिया जाएगा। इससे सप्लाई सुचारु हो जाएगी। अगर आईओसी लाइन में फाल्ट आ जाए तो उसे जवाजा 33केवी जीएसएस से जोड़कर सप्लाई दी जा सके।
यह होंगे लाभान्वित
नून्द्री मालदेव जीएसएस बनने से सेदरिया जीएसएस पर दबाव कम होगा। नून्द्री मालदेव जीएसएस से मालपुरा, अतीतमंड, नून्द्री मालदेव व नरबदखेड़ा ग्राम पंचायत जुड़ जाएगी। जिसके अलग-अलग फीडर बन जाएंगे। इससे बिजली कटौती व फॉल्ट आने की समस्या कम होगी। हाल में इस जीएसएस से तीन हजार से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। सप्लाई वाली लााइन में फाल्ट आने या ट्रिपिंग होने पर सीएसडी द्वितीय के करीब 25 हजार उपभोताओं को भी रिग सिस्टम के जरिए जोड़कर वैकल्पिक रुप से बिजली उपलब्ध करवाईजा सकेगी।
इनका कहना है…
नून्द्री मालदेव जीएसएस रिंग सिस्टम से जुड़ेगा ताकि ट्रिपिंग मारने या फाल्ट आने पर दूसरे जीएसएस से जोड़कर सप्लाई की जा सके। इससे करीब 25 हजार उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
-के.सी.जैन, सहायक अभियंता, सीएसडी द्वितीय