धर्म और राजनीति पर क्या बोले जगतगुरु, पढ़े विस्तार से
ब्यावरPublished: Apr 21, 2018 04:08:09 pm
संविधान में संशोधन की आवश्यकताद, देशवासियों को होना होगा जागरुक
जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती
ब्यावर. धर्म का अंश राजनीति है। धर्म और राजनीति एक दूसरे की पूरक है। पहले धर्म के लिए राजनीति बनी। देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है। भारत में कुछ समय से लोकतंत्र विफल हो रहा है। देश में हिन्दूओं को एकजुट होने की आवश्यकता है। हिन्दू अल्पसंयक हो रहे हैं। सभी को एकजुट करने के लिए व्यूह रचना की आवश्यकता है। यह कहना है गोवर्धन मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का। शंकराचार्य निश्चलानंद शुक्रवार को सांखला कॉलोनी स्थित मंडल अध्यक्ष जयकिशन बल्दुआ के आवास पर दीक्षा कार्यक्रम व आमजन के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्मका अंश राजनीति है धर्मकी सीमा वृहद है। सभी विघटित हैं इसका लाभ राजनेता एकजुट होकर उठा रहे हैं। पहले जैन, सिक्ख, बौद्ध, आर्यसमाजी सहित अन्य सनातन हिन्दू धर्म के घटक के रूप में स्थापित थे। लेकिन थोड़े लालच के लिए कुछ समुदाय अल्पसंयक हो गए यह विघटन का कारण है। हिन्दूओं को अल्पसंयक बनाया जा रहा है।इसके बचाव के लिए बिखरे हुए समाज को फिर से एकजुट करना होगा। यदि हिन्दू बलवान होगा तो पूरा विश्व बलवान होगा। शंकराचार्यने कहा कि धर्मका शास्त्र छोडऩा अपना शास्त्र छोडऩे के बराबर है। हर वस्तु की मर्यादा निर्धारित है। यदि कोई नियमों के विपरित जाता हैतो दुर्घटना निश्चित है। यही नियम समाज पर लागू है। उन्होंने कहा की नैतिकता गिरती जा रही है। लोकतंत्र दिशाहीन हो गया है। यहां तक की आजादी के बाद आज तक हिन्दू समाज को नबर वन की भारतीयता नहीं मिली। देश में धारा ३७० खत्म हो। इस मौके पर जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल, विधायक शंकरसिंह रावत, सभापति बबीता चौहान, उपसभापति सुनील मंूदडा, बाबरा मंडल अध्यक्ष सहित कई लोग मौजूद थे।
निकाली शोभायात्रा…
देर शाम अजमेरी गेट स्थित रामद्वारा से शंकराचार्यनिश्चलानंद सरस्वती की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में ५११ महिलाएं सिर पर कलश धारण किए मंगलगीत गाते चल रही थी। जबकि पुरुष सफेद धोती कुर्ता पहने हुए थे। कलश यात्रा का लोगों ने पुष्प वर्षाकरके स्वागत किया। शोभायात्रा में चरण पादुका की भी पूजा की गई।
शंकराचार्यकी प्रतिमा को किया नमन…
सुभाष उद्यान में देर शाम धर्म सभा का आयोजन किया गया। धर्म सभा शुरूहोने से पहले शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने उद्यान में लगी शंकराचार्यनिरंजनाचार्यकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इसके बाद धर्मसभा शुरूहुई।