scriptजिला, जल और विकास के मुद्दे तय करेंगे जीत | jila, jal and development issue will decide win | Patrika News

जिला, जल और विकास के मुद्दे तय करेंगे जीत

locationब्यावरPublished: Nov 30, 2018 01:30:07 pm

Submitted by:

tarun kashyap

ग्राउंड रिपोर्ट ब्यावर

ग्राउंड रिपोर्ट ब्यावर

ग्राउंड रिपोर्ट ब्यावर

तरुण कश्यप
ब्यावर. अजमेर जिले की ब्यावर विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला है। भाजपा से शंकरसिंह रावत ने जहां लगातार तीसरी बार टिकट हासिल किया है। वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर नए चेहरे पारस पंच को टिकट थमाया है। हालांकि निर्दलीय के तौर पर देवेन्द्रसिंह व अभिषेकसिंह सहित कुल 12 प्रत्याशी मैदान में है। लेकिन मुय मुकाबला रावत व पंच के बीच ही है। रावत जहां अपने समाज के वोट बैंक के आधार पर जीत की तिकड़ी जमाने की जुगत में है। वहीं पंच विधानसभा क्षेत्र में विकास कराने का मुद्दा उठाते हुए जीत का सेहरा पहनने की जी तोड़ कोशिश में लगे हैं। इस बार का चुनाव जहां जिला, जल व विकास के मुद्दे पर आधारित रहेगा वहीं मतदाताओं के दिलो दिमाग में शहर में बेतहाशा हुए अतिक्रमण व नगर परिषद के भ्रष्टाचार जैसे मामले भी घर किए हुए हैं।
पत्रिका ने चुनाव को लेकर ब्यावर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की नब्ज टटोलने के लिए सबसे पहले रुख किया ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ। निकल पड़े छावनी मार्ग से ग्राम मेडिया की ओर। एक परचूनी की दुकान पर बैठे धर्माराम जाट, हेमसिह व अजयसिंह रावत ने एक स्वर में कहा कि पिछले पांच साल में शहर में विकास हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई जगह विकास हुआ है। उनकी समस्याओं को लेकर सुनवाई भी हुई है।
यहां से आगे ग्राम ब्यावर खास की ओर चले तो वहां एक चाय की दुकान पर बैठे 8 5 वर्षीय बुजुर्ग मिश्री चुनाव के बारे में पूछते ही नाराज हो उठे। कांपती आवाज में बोले कि उनके गांव में सालों से न तो सड़क बनी है, न नाली और ना ही पानी आया। विधायक पांच साल पहले वोट लेने के लिए गांव में दिखाई दिए थे। इसके बाद आज तक शक्ल नहीं दिखाई। पास ही खड़ी गृहिणी माया ने कहा कि गांव में पांच हजार की आबादी है लेकिन एक भी घर में पानी का कनेक्शन नहीं है। मोल का टैंकर मंगवाकर पानी काम में लेते है। चार सौ रुपए का टैंकर पर पांच दिन बाद मंगवाना पड़ता है। वहीं महावीरचंद, रसूल काठात, शौकिनलाल का कहना था कि पिछली बार कड़ी से कड़ी मिलाकर जिताया था लेकिन इसके बावजूद उनके गांव में पिछले पांच साल में कोई विकास नहीं हुआ।
ग्रामीण क्षेत्र से वापस शहरी क्षेत्र की ओर निकले तो शहर के हृदय स्थल चांगगेट चौराहा पर एक चाय की दुकान पर लोग चाय की चुस्कियां लेते हुए चुनावी चकल्लस करते नजर आए। वहां बैठे गोविंद ने कहा कि पिछले पांच साल से मात्र जुमले ही सुनते आ रहे हंै। लोग जीएसटी की मार, पेटï्रोल के बेतहाशा बढ़ते दामों से परेशान हैं। ब्यावर जिला बनने की उमीद थी लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। इतने में ही पास बैठे नारायणसिंह बोल उठे कि अबकी बार मन में बदलाव की इच्छा है। हालांकि निर्दलीय कुछ खास नहीं कर पाएंगे। लेकिन जातिगत वोट बैंक पर इसका असर जरुर पड़ सकता है। नाथूनाथ ने कहा कि पांच साल पहले भी विकास की उमीद पर वोट दिए थे लेकिन नाउमीद रहे। खेताराम व सीताराम आड़त का कहना था कि पिछले पांच साल में शहर को विकास के नाम पर कुछ नहीं मिला। इसलिए इस बार वोट सोच समझकर ही देंगे।
एक नजर : गत तीन विधानसभा चुनाव
वर्ष विधायक
2013 शंकरसिंह रावत
2008 शंकरसिंह रावत
2003 देवीशंकर भूतड़ा

जातिगत गणित
रावत- 48 प्रतिशत
मेहरात- 08 प्रतिशत
जैन- 08 प्रतिशत
माली- 05 प्रतिशत
रेगर- 05 प्रतिशत
कुमावत- 03 प्रतिशत
मुस्लिम- 03 प्रतिशत
मेघवाल- 03 प्रतिशत

मतदाता : एक नजर

कुल मतदाता : 2, 44,199
पुरुष मतदाता : 1,23,238
महिला मतदाता : 1,20, 96 1
कुल मतदान केन्द्र : 28 4
कुल प्रत्याशी : 12
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