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कहीं दवा न बन जाए जहर

locationब्यावरPublished: Apr 30, 2018 12:52:31 pm

Submitted by:

tarun kashyap

आसमान से आग उगल रही गर्मी का असर मुख्य मंत्री नि:शुल्क दवा योजना पर पडऩे लगा है।

कहीं दवा न बन जाए जहर

कहीं दवा न बन जाए जहर


मनीष सिंह चौहान
ब्यावर. पिछले एक सप्ताह से आसमान से आग उगल रही गर्मी का असर मुख्य मंत्री नि:शुल्क दवा योजना पर पडऩे लगा है। अस्पताल के कई काउंटर पर ऐसी दवाएं रखी हुई है जिन्हें 25 से 30 डिग्री तापमान में रखे जाने की चेतावनी लिखी गई है। पिछले पांच दिन से शहर का तापमान 40 से 42 डिग्री के आस पास चल रहा है। इसके बावजूद जीवन रक्षक इन दवाओं को लेकर अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है। इन दवाओं को निश्चित तापमान में रखे जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में मरीजों को दी जाने वाली जीवन रक्षक दवाओं के भक्षक बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। मुयमंत्री नि:शुल्क दवा योजना सहित डीडीसी स्टोर में लगे कर्मचारियों ने इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को अवगत करवाते हुए सूचनात्मक खत भेजा है। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
चिकित्सा विभाग ने दो सौ से अधिक दवाओं को मुयमंत्री नि:शुल्क दवाओं की सूची में शामिल किया है। इनमें इंजेक्शन से लेकर टेबलेट, कैप्सूल व सीरप सहित जैल क्रीम शामिल है। इन दवाओं को एक निश्चित तापमान में रखे जाने के निर्देश हर दवा पर लिखे गए है। दवाओं पर कंपनी की चेतावनी लिखी गई है कि इससे कम तापमान पर यह दवाएं विषाक्त बन सकती है। इन दवाओं को अधिक तापमान में रखे जाने पर इनके गुण स्वत: ही खत्म होने लग जाएंगे। ऐसे हालात में यदि मरीज इन दवाओं का सेवन करेगा तो स्वास्थ्य सही होने की बजाए बिगड़ सकता है। इसकी जानकारी चिकित्सा विभाग व अस्पताल प्रशासन को होने के बावजूद दवाओं को ठंडक में रखे जाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
कबाड़ एसी भेज दिए स्टोर…
स्टोर में नए एसी लगाए जाने चाहिए लेकिन दूसरे विभागों से उतरे वातातनुकूलित उपकरण वहां लगा दिए। वह सभी डप पड़े हैं। उन्हें दुरुस्त करवाने की कोई सुध नहीं ले रहा। यही स्थिति बीपीएल काउंटर की है। वहां पर तो अभी तक कूलर भी नहीं लग सका है।
कहां रखे फ्रीज में…
महज बीपीएल काउंटर पर फ्रीज की व्यवस्था है। फ्रीज में कुछ जीवन रक्षक दवाएं रखी हुई है। शेष बाहर ही बॉक्स में रखी गई है। ऐसे में उनके खराब होने का अंदेशा है।
कूलर तक नहीं…
जीवन रक्षक दवाओं तथा जैल सहित अन्य दवाओं को ठंडक में रखने के निर्देश है। फिर भी वातानुकूलित उपकरण छोड़ काउंटर या बीपीएल एपीएल काउंटर पर कूलर तक मुहैया नहीं करवाए गए है। कुछ जगहों पर तो पंखे तक नहीं चल रहे। ऐसे में इन दवाओं की उपयोगिता रहेगी या नहीं इसे लेकर चिकित्सक भी सवाल उठाने लगे है।
पत्रिका पड़ताल…
जानकारों का कहना है कि दवाओं के हारमौन उच्च तापमान पर विघटित होने लग जाते है। नि:शुल्क दवा योजना में सबसे महंगी दवा एमोक्सिक्लिन एंड क्लेवूलेंट टेबलेट को 25डिग्री तापमान में रखे जाने के निर्देश है। एलएमडब्ल्यूएस, इंसुलिन 30-70, ऑक्सीटोसीन, ऑप्टिमल, एसप्रिन मोनो नाइट्रोजन, प्रीपाटे्रज, सैफटा विटिन, नाइटो गिलिसिन ऐसे इंजेक्शन है, जिन्हें 25 से 30 डिग्री में रखा जाना है। वहीं विटामियासेव, लिडोरेन, हाइडोकोर्टिसन, न्यूमाइसिस टे्रटिनाइन जैल व क्रीम पर भी ऐसे ही निर्देश लिखे हुए है। इसके बावजूद निर्देशों की पालना नहीं हो रही।
इनका कहना है…
कूलर व एसी को सही करवाने के लिए कहा है। जल्द ही दुरुस्त होने के बाद उन्हें चालू करवा दिया जाएगा।
डॉ. एम के जैन, पीएमओ, राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर
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