नगर परिषद सभागागर में मंगलवार सुबह दस बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई। सबसे पहले भाजपा के २९ पार्षद अपने निर्दलीय समर्थक दस पार्षदों के साथ पहुंचे एवं मतदान किया। इसके बाद कांग्रेस के सोलह पार्षद अपने पांच निर्दलीय समर्थक पार्षदों के साथ पहुंचे और मतदान किया। इसके बाद मतगणना शुरू हुई। जिसमें भाजपा को चालीस व कांग्रेस को बीस मत मिले। गौरतलब है कि भाजपा से उनतीस, कांग्रेस से सोलह व पन्द्रह निर्दलीय पार्षद चुनाव जीते। मतदान व मतगणना के दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे। रिटर्निग अधिकारी व उपखंड अधिकारी जसमीतङ्क्षसह संधू ने नरेश कनोजिया के जीत की घोषणा की। इस दौरान कार्यपालक मजिस्ट्रेट व मसूदा उपखंड अधिकारी मोहनलाल व भिनाय तहसीलदार व कार्यपालक मजिस्ट्रेट सोनू गुप्ता, शहर थानाधिकारी रमेन्द्रसिंह, सदर थानाधिकारी सुरेन्द्रसिंह जोधा, जवाजा थानाधिकारी कंवरपालसिंह, टॉडगढ़ थानाधिकारी शिवराज जाट, मसूदा थानाधिकारी अशोक मीणा सहित अन्य उपस्थित थे।
समर्थकों ने जताई खुशी, उड़ाई गुलाल जीत की घोषणा के साथ ही समर्थकों ने एक दूसरे को बधाई दी और खुशी जताई। नारेबाजी कर गुलाल उड़ाई। इस दौरान नगरपरिषद के बाहर मौजूद पुलिस जाब्ते को मुख्य मार्ग से भीड़ को हटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। उत्साहित कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की।
दोनों ही दलों के नेता रहे मौजूद मतदान व मतगणना के दौरान भाजपा व कांग्रेस के नेता मौजूद रहे। इसमें भाजपा के विधायक शंकरसिंह रावत, जिलाध्यक्ष बी.पी. सारस्वत, पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा, देहात जिला उपाध्यक्ष पवन जैन सहित अन्य मौजूद रहे। इसी प्रकार कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारस पंच, दिनेश शर्मा सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
किया विरोध तो रुकवाई कार मतदान के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार के मुख्यद्वार तक पहुंचने पर कुछ भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई। इसमें पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा सहित अन्य ने कार के नगर परिषद की परिसर की ओर जाने पर विरोध जताया। इनका कहना था कि जब सबके वाहन यहां पर ही रुक रहे हैं तो दूसरे वाहन अंदर कैसे जा सकते है। एेसे में कार को मुख्यद्वार पर ही रोक कर वापस घुमा लिया।
सभापति बनने वाले पहले छात्र नेता नरेश कनोजिया सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके बाद दो बार पार्षद चुने गए। तीसरी बार पार्षद व सभापति बने। कनोजिया छात्र राजनीति में लम्बे समय से सक्रिय रहे। छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद सभापति बनने वाले कनोजिया पहले छात्रनेता है।