इनसे क्यूँ रूठ गयी है लक्ष्मी
ब्यावरPublished: Nov 02, 2018 04:15:23 pm
सभापति मनोनयन का निर्धारित समय निकला, नए आदेश जारी नहीं होने से कर्मचारियों के दीपावली का बोनस व अन्य भुगतान अटका, एक-दो दिन में नहीं हुए आदेश तो दीपावली पहले नहीं मिल सकेगा बोनस
कर्मचारियों के दीपावली का बोनस व अन्य भुगतान अटका
भगवतदयालसिंह
ब्यावर. नगर परिषद के कर्मचारियों के बोनस सहित अन्य करोड़ों के भुगतान अटक गए है। सभापति पद पर शशि सोलंकी का साठ दिन के लिए मनोनयन हुआ था। अवधि पूरी होने के बावजूद मनोनयन बढ़ाया एवं न ही अन्य कोई आदेश जारी हुआ। ऐसे में सभापति का पद खाली होने से भुगतान अटक गए है। इनमें नगर परिषद कर्मचारियों के बोनस के 25 लाख सहित अन्य करोड़ों के भुगतान अटक गए है। एक-दो दिन में आदेश मनोनयन बढ़ाने या अन्य कोई आदेश नहीं हुए तो कर्मचारियों के बोनस मिलने में परेशानी होगी। सात नवबर से बैंकों में अवकाश रहेगा। इससे पहले रविवार आ जाने से एक दिन लेन-देन का काम नहीं होगा। इसके अलावा सेवानिवृत कर्मचारियों व नए सफाई कर्मचारियों के भुगतान को लेकर भी असमझंस की स्थिति बनी है। नगरपरिषद सभापति बबीता चौहान के सवा दो लाख की रिश्वत मामले में पकड़े जाने पर स्वायत्त शासन विभाग ने निलबन कर वार्ड अठारह की पार्षद शशि सोलंकी को साठ दिन के लिए सभापति मनोनीत कर दिया लेकिन यह अवधि पूरी होने पर न तो सोलंकी का मनोनयन बढ़ाया गया और न ही कोई आदेश जारी हुआ।ऐसे में हाल में नगर परिषद सभापति का पद खाली चल रहा है। दीपोत्सव के शुरु होने में महज चार दिन शेष रह गए है। जबकि नगर परिषद के वितीय अधिकार किसी को नहीं दिए जाने से कर्मचारियों के बोनस के 25 लाख रुपए, सेवानिवृत कर्मचारियों की पीएल भुगतान के 25 लाख रुपए सहित अन्य करोड़ों के भुगतान अटक गए है। इसके अलावा संवेदकों का भुगतान भी अटका है। करीब एक करोड से अधिक के भुगतान अटके है।गौरतलब है कि स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने २८ अगस्त को आदेश जारी कर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम २००९ की धारा ५०(१) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शशि बाला सोंलकी को ब्यावर नगरपरिषद की सभापति का कार्यभार ग्रहण करने के लिए ६० दिवस या सभापति के कार्यभार ग्रहण करने तक जो भी पहले हो अधीकृत किया गया। यह अवधि २७ अक्टूबर को पूरी हो गई।इसके बाद २८ से अब तक यह पद खाली चल रहा है। न तो सभापति का मनोनयन बढ़ाया गया और न ही इस सबन्ध में सरकार की ओर से कोई आदेश जारी किया गया है।
इसलिए बढ़ेगा संकट…
नवबर माह में शुक्रवार व शनिवार को बैंकों में काम होगा। जबकि रविवार को बैंकों में अवकाश रहेगा। इसके बाद सोमवार व मंगलवार को बैंकों में काम होगा। इसके अलावा सात नवबर से बैंकों में अवकाश हो जाएगा। ऐसे में अगर आदेश होने में देरी हुई तो बोनस सहित अन्य का भुगतान दीपावली पहले करना आसान नहीं होगा। नगर परिषद की ओर से भी बिल तैयार कर कोषालय जाएंगे। वहां से आदेश जारी होने के बाद भुगतान हो सकेगा।
चुनाव आयोग से मांगा मार्गदर्शन
प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है। सभापति पर शशि सोलंकी के मनोनयन का निर्धारित समय निकल गया है। ऐसे में नगर परिषद प्रशासन ने स्वायत शासन विभाग को लिखकर वितीय अधिकार को लेकर आदेश जारी करने के लिए लिखा। ताकि कर्मचारियों के बोनस सहित अन्य भुगतान हो सके। इस मामले में स्वायत शासन विभाग चुनाव आयोग से मार्गदर्शन मांगा है।
समाधान निकाला लेकिन अधिकार में अटका
नगर परिषद करीब 135 सफाई कर्मचारियों की भर्ती हुई। इन कर्मचारियों को करीब तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। प्राण नबर के अभाव में यह भुगतान अटका है। दीपावली के त्योहार को देखते हुए नगर परिषद प्रशासन कर्मचारियों को पांच-पांच हजार रुपए की राशि का भुगतान करने का निर्णय किया। ताकि कर्मचारियों को त्योहार के मौके पर राशि मिल सके। यह भुगतान भी फिलहाल वितीय अधिकार नहीं मिलने से खटाई में पड़ गया है।