बायोमेट्रिक्स से हाजरी जरूरी
ब्यावर. नए साल के पहले दिन से ही राजकीय चिकित्सालयों में बायोमेट्रिक्स से उपस्थिति दर्ज होगी। बायोमेट्रिक ऑनलाइन मुयालय से जुड़ी होगी। ऐसे में उपस्थिति में स्थानीय स्तर पर कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इस व्यवस्था से देरी से आने वाले एवं जल्दी जाने वाले चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों पर अंकुश लगेगा। राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में एक जनवरी से यह व्यवस्था सती से लागू की जा रही है। इसके आधार पर ही कर्मचारियों व चिकित्सकों का वेतन बन सकेगा। राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सकों के नहीं मिलने की शिकायतें आए दिन सामने आती है। हाल में चिकित्सालय में बायोमेट्रिक्स से उपस्थिति दर्ज होती है। यह लाइन मुयालय पर इसकी नजर नहीं थी। अब इसको मुयालय से जोड दिया जाएगा। इस उपस्थिति ऑनलाइन होने से इसमें छेडछाड भी नहीं की जा सकेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान सरकार के निदेशक की ओर से जारी आदेश में बताया कि बायोमेट्रिक्स से हाजरी करने के निर्देशों की पालना नहीं की जा रही है, जो कि अनुशासनहीनता को दर्शाता है।अत: अधिकारियों व कर्मचारियों की हाजरी बायोमेट्रिक्स से ही दर्जकी जाए।बायोमेट्रिक्स मशीन के खराब होने या बंद होने की जिमेदारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की होगी।इसमें आने जाने की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही वेतन आहरण किया जाए।
बनी रहेगी पारदर्शिता…
बड़े अस्पतालों में जहां स्टाफ अधिक संया में है। जहां पर पक्षपात करने एवं मनमानी करने के मामले भी सामने आते है। इस नई व्यवस्था के बाद अब व्यवस्था में पारदर्शिता आने के साथ ही मनमानी पर भी रोक लग सकेगी। इससे चिकित्सकों को समय पर आने के साथ ही निर्धारित समय पर ही जाना होगा। ऐसा नहीं किए जाने पर हर माह देरी से आने एवं जल्दी आने का आंकलन हो सकेगा। देरी से आने व जल्दी से आने वाले कर्मचारी सूचीबद्ध हो जाएंगे। ऐसे में प्रशासन को उन पर कार्रवाई करने के लिए तथ्यात्मक दस्तावेज भी तैयार हो सकेंगे।
…तो लग जाएगी सीएल
अस्पताल में अगर निर्धारित समय तक काम नहीं करने वाले कर्मचारियों की सीएल लग जाएगी। ऐसे में नियत समय पर कार्यस्थल पर नहीं आने वालों की सीएल कटती रहेगी। इसमें आधे दिन की सीएल या पूरे दिन का सीएल लगाने का प्रावधान भी तय किया गया है।