-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के टेलीमेडिसिन चिकित्सालयों की सूची जारी की, गत वर्ष जुलाई माह में शुरूहुई थी योजना
मनीष सिंह चौहान
ब्यावर. गत वर्ष जुलाई माह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश भर में एक साथ शुरू की गई टेलीमेडिसिन योजना से जुड़े प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों को मरीजों के उपचार के मामले में पछाड़ दिया है। टेलीमेडिसिन योजना में किशनगढ़ का यज्ञनारायण 5 वें पायदान तथा ब्यावर का अमृतकौर अस्पताल नवें से दसवें पायदान पर आ गया है। जबकि
अजमेर का सैटेलाइट, नसीराबाद, केकड़ी व बिजयनगर के राजकीय चिकित्सालय फिसड्डी साबित हुए हैं। यह सबसे खराब स्थिति में माने गए हैं। योजना से सीधे ही ऑनलाइन मिल रहे उपचार का मरीज लाभ उठा रहे हैं। चिकित्सा विभाग ने गत दिनों टेलीमेडिसिन की सूची जारी की है। इस सूची में ८३ चिकित्सालयों का नाम शामिल है। जहां पर यह सुविधा मरीजों को मिल रही है। इस सूची में शामिल चिकित्सालयों को पांच श्रेणियों में विभक्त किया गया है। इसमें एक्सीलेंट, वेरी गुड, गुड, पूअर व वेरी पूअर की श्रेणी शामिल है।
क्या है टेलीमेडिसिन योजना…
टेलीमेडिसिन योजना में ऑनलाइन प्रोजेक्टर (वीडियो कॉन्फे्रसिंग) के जरिए राजधानी
जयपुर के मेडिकल कॉलेज से सीधे ही विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ व यूनिट प्रभारी मरीजों से बात करके उन्हें वहीं से दवा जारी लिखते हैं। इस योजना के शुरू होने के बाद मरीजों को जयपुर जाने से छुटकारा मिला है। टेलीमेडिसिन योजना में विभाग ने स्केनर से लेकर प्रिंटर तक की सुविधा दी है। जहां पर मरीज की जांचों की रिपोर्टऑनलाइन भेज दी जाती है। मेडिकल कॉलेज में बैठे चिकित्सक वहीं देखकर दवा लिख रहे हैं।
ग्रामीण अंचलों को हुआ फायदा…
इस येाजना का सबसे अधिक फायदा ग्रामीण अंचलों में स्थित सीएचसी पीएचसी पर लगाए गए सेंटर पर हुआ है। अब मरीज हार्टसे लेकर दमा व एलर्जी तक की जांच ऑनलाइन गांव से ही जयपुर तक दिखाकर उपचार ले रहे हैं।
ये हैं टॉप टेन में शामिल…
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ८३ अस्पतालों की सूची जारी की गई है। इसमें से टॉप टेन में बेंगू का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ३०२ मरीजों के साथ सबसे ऊपर है। दूसरे पायदान पर दौसा का जिला अस्पताल २८२ मरीज, भूसावर सीएचसी २६६ के साथ तीसरे नबर है। जबकि चौथे नबर पर बिलाडा १९८, किशनगढ़ का यज्ञ नारायण चिकित्सालय १९६ के साथ पांचवें,
बीकानेर का सेटेलाइट १७१ के साथ छठें,
उदयपुर का हिरण मगरी सेेक्टर चार की पीएचसी १५० के सातवें नबर पर है। वहीं रतनगढ़ का राजकीय चिकित्सालय १२३ के साथ आठवें नबर पर, बांरा व बूंदी ९४ अंकों के साथ नवें तथा दसवें नबर पर बांरा सीएचसी व राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय १०२ मरीजों के साथ दसवें नबर पर है।
आंकड़ों की जुबानी…
टेलीमेडिसन योजना में प्रदेश के सीएचसी भीनमाल, पोकरण,
कोटा के जिला अस्पताल, सुजानगढ़ व सिरोही के चिकित्सालयों में मरीजों की संया एक का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाईद्ध। सबसे खराब स्थिति में ५३ चिकित्सालय शामिल है। जिनका आंकड़ा एक से २५ तक है। वहीं खराब आंकड़ों वाले अस्पतालों में ११ अस्पताल शामिल है जहां आंकड़ा ३० से चालीस के बीच सिमट गया। कायाकल्प योजना में हर साल विजेता रहने वाला राजमसंद का आर के हॉस्पिटल व मुयमंत्री का विधानसभा क्षेत्र कोटा का रामगंज मंडी इस योजना में सबसे नीचे पायदान पर है। इसमें अजमेर के सैटेलाइट चिकित्सालय आदर्शनगर, नसीराबाद का राजकीय चिकित्सालय, केकड़ी व बिजयनगर के चिकित्सालय भी शामिल है।
इनका कहना है…
चिकित्सकों की ओर से मरीजों को टेलीमेडिसिन की नियमित जानकारी नहीं दी जा रही है। इस योजना का प्रचार प्रसार भी इतना नहीं हुआ। इसी कारण आंकड़े कम है। फिर भी ब्यावर दसवें पायदान पर है। यह खुशी की बात है।
डॉ. आलोक श्रीवास्तव, कार्यवाहक उपनियंत्रक, राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर