ब्यावर

सर्द रातों में भी सड़क किनारे सोने को मजबूर

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ब्यावरJan 08, 2019 / 05:21 pm

tarun kashyap

सर्द रातों में भी सड़क किनारे सोने को मजबूर


ब्यावर. सर्दी के कारण घर में रजाई बिस्तर में भी लोगों के हाड़ कांप रहे है, ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी है जो सर्द रातों में सड़क किनारे या खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है। भले ही कहने को जरूरतमंद व बेघर लोगों के लिए सरकार ने रैन बसेरे खोल दिए लेकिन यहां इनको प्रवेश तक नहीं मिलता।इसका कारण इनके पास कोई पहचान पत्र या ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे इनकी पहचान की पुष्टि होती है और ऐसे में इनको प्रवेश नहीं मिलता।
बेघर, निराश्रित व जरूरतमंदों को सर्द हवाओं व सर्दी से राहत देने के लिए नगरपरिषद की ओर से शहर में रेलवे स्टेशन रोड व बिजयनगर रोड पर दो आश्रय स्थल संचालित किए जा रहे है लेकिन इसके बावजूद जरूरतमंद शहर की सड़कों व डिवाइडरों पर रात गुजारने को मजबूर है। इसका कारण इनको आश्रय स्थल के बारे में जानकारी नहीं होना और बिना किसी आईडी के यहां प्रवेश नहीं दिया जाना है। ऐसे में नगरपरिषद की ओर से हजारों रुपए मासिक खर्च होने के बावजूद जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल पा रहा। यही कारण है कि शहर के बस स्टैंड रोड, भगत चौराहा, चांगगेट, मेवाड़ी गेट, अजमेर रोड, चांगगेट क्षेत्र, सूरजपोल गेटबाहर क्षेत्र, बिजयनगर रोड, सेन्दड़ा रोड और कॉलेज रोड़ सहित कई क्षेत्रों में सर्द रातों में रात गुजारने वाले देखे जा सकते है। यह लोग सर्दी, गर्मी और बरसात में ऐसे ही खुले में रात गुजार रहे है।

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