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देखें रोडवेज चालक-परिचालकों पर कौन रखेगा नजर

locationब्यावरPublished: May 30, 2018 08:14:49 pm

Submitted by:

tarun kashyap

-राजस्व रिसाव रोकने के जतन, गठित किया जाएगा गोपनीय दस्ता, अंतरराज्यीय रूट पर चल रही बसों की होगी जांच

अंतरराज्यीय रूट पर चल रही बसों की होगी जांच

अंतरराज्यीय रूट पर चल रही बसों की होगी जांच

मनीष सिंह चौहान
ब्यावर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में राजस्व रिसाव रोकने के लिए अब खुफिया तंत्र सक्रिय होगा। रोडवेज में राजस्व रिसाव पर अंकुश लगाए जाने के लिए मुयालय स्तर पर खुफिया तंत्रका गठन करने की तैयारी चल रही है। यह खुफिया तंत्र एक तरह से (गुप्तचर विभाग) की तर्ज पर कार्य करेगा। किस रोडवेज आगार में किस रूट पर अधिक राजस्व रिसाव हो रहा है। इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पहले चरण में यह प्रयोग अंतरराज्यीय मार्गों पर किया जाएगा। राजस्थान रोडवेज के हर डिपो की बसें अंतरराज्यीय मार्गों पर चलती है। इन बसों में यात्री भार भी काफी है इसके बावजूद राजस्व कम आ रहा है।जबकि दिल्ली, गुडगांव, मुबई, गुजरात, बड़ौदा व हरियाणा जैसे बड़े शहरों के लिए काफी यात्रा भार मिलता है। इसके बावजूद यह रूट घाटे में है। इसी घाटे को रोकने के लिए राजस्थान रोडवेज के कार्यकारी निदेशक यातायात यू.डी खान ने खुफिया तंत्र गठित करने के आदेश दिए हैं। खुफिया तंत्र की एक टीम स्थानीय डिपो में भी तैयार की जाएगी जो ऐसे रूटों की रिपोर्ट तैयार करके मुयालय देने के साथ कार्रवाई करेगी। इसके लिए मुयालय व डिपो स्तर पर रजिस्टर संर्धारित किया जाएगा।
क्यों पड़ी जरुरत…
अंतरराज्यीय मार्गों पर यात्री भार बढ़ाने के लिए रोडवेज ने अनुबंध पर नईडीलक्स बसें लगाई। जो टिकट रोडवेज स्टैण्ड से कटते हैं उसके बाद काफी कम टिकट परिचालक मार्ग पर काटते हैं। जबकि रिपोर्ट पूरी बस भरी होने की मिलती है। ऐसे मार्गों पर राजस्व रोकने के लिए टीम का गठन किया जा रहा है।
निजी वाहन बन रहे सबसे बड़ा रोड़ा…
रोडवेज की राह में सबसे बड़ा रोड़ा निजी वाहन हैं। इनमें निजी बसों से लेकर लोक परिवहन तथा टैक्सियां शामिल है। इन वाहनों के कारण भी रोडवेज को काफी घाटा हो रहा है।
रेल, निजी बस या कार का करेंगे उपयोग…
अंतरराज्यीय मार्गों पर चलने वाली बसों की राजस्व रिसाव की शिकायत मिलने के बाद यह टीम वहां कार्रवाई करेगी। वहां जाने के लिए टीम रोडवेज बस की बजाए रेल, निजी बसों या किराए पर कार कर सकेंगे। इसका खर्चा उस क्षेत्र में चल रही विभिन्न डिपो की बसों के प्रबंधक वहन करेंगे।रोडवेज में जाने से परिचालकों को जानकारी मिल जाएगी कि अधिकारियों की लाइंग रूट पर है। इसी कारण गठित होने वाली ऐसी टीम को विशेष पैकेज दिया गया है। इस टीम में शामिल होने वाले अधिकारी कम से कम ४२ सौ पे ग्रेड वाले होना जरुरी होंगे।
सीधे मुयालय से होगी कार्रवाई…
जिस भी आगार की बस में विशेष लाइंग रिमॉर्कलगाएगी उस पर कार्रवाई मुयालय स्तर पर की जाएगी। इसके बाद फाइल संबंधित मुय प्रबंधक को भेजी जाएगी।
कई डिपो में यातायात प्रबंधक ही नहीं…
रोडवेज के ५२ आगार में से कई डिपो ऐसे हैं जहां पर लंबे समय से यातायात प्रबंधक का पद खाली चल रहा है। कार्यवाहक प्रबंधक या बाबू को जिमेदारी दे रखी है। यही स्थिति यातायात निरीक्षकों की भी है। ब्यावर में एक यातायात निरीक्षक हैजबकि यातायात प्रबंधक का पद तो मंत्रालिक कर्मचारी को सौंप रखा है। इस कारण भी राजस्व रिसाव ज्यादा हो रहा है।
इनका कहना है…
अंतरराज्यीय रूट पर चलने वाली बसों में राजस्व रिसाव काफी बढ़ा है। इसी पर अंकुश लगाने के लिए खुफिया तंत्र सक्रिय करने के साथ टीम का गठन करने के लिए कहा है। ऐसी टीमें बनने के बाद राजस्व रिसाव पर अंकुश लगेगा। यहां से टीम के नाम जयपुर भेज दिए गए हैं।
-रघुराजसिंह राजावत, मुय प्रबंधक, ब्यावर आगार
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