दो पालने और एक टूट गया
यहां पर शिशु पालना गृह भी संचालित है। कामकाजी महिलाओं के काम पर जाने के समय बच्चों को सार सभाल के लिए यहां छोड़ दिया जाता है।शाम को काम से लौटने पर बच्चे यहां से ले जाते है। पास ही औद्योगिक क्षेत्र है और यहां पर करीब बीस से पच्चीस बच्चे रोजाना छोड़े जाते है। इसके लिए कर्मचरी भी पूजा को लगाया गया है। यहां इन बच्चों के लिए दो पालने दिए गए थे।जिसमेें से भी एक टूटचुका है। गौरतलब है कि ब्यावर में दौलतगढ़ सिंघा व इन्द्रा नगर में दो शिशु पालना गृह संचालित है।
यहां पर शिशु पालना गृह भी संचालित है। कामकाजी महिलाओं के काम पर जाने के समय बच्चों को सार सभाल के लिए यहां छोड़ दिया जाता है।शाम को काम से लौटने पर बच्चे यहां से ले जाते है। पास ही औद्योगिक क्षेत्र है और यहां पर करीब बीस से पच्चीस बच्चे रोजाना छोड़े जाते है। इसके लिए कर्मचरी भी पूजा को लगाया गया है। यहां इन बच्चों के लिए दो पालने दिए गए थे।जिसमेें से भी एक टूटचुका है। गौरतलब है कि ब्यावर में दौलतगढ़ सिंघा व इन्द्रा नगर में दो शिशु पालना गृह संचालित है।