नगर परिषद ने नई दमकल के लिए करीब छह साल पहले राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाया गया। इस प्रस्ताव पर अब तक मोहर नहीं लग सकी है। इसके अलावा अन्य संसाधनों की भी कमी है और हर साल मांग की जा रही है। इसमें सत्तर लाख कीमत की दो दमकल, पन्द्रह लाख कीमत की छोटी दमकल, एक फायर जीप, पांच लाख कीमत के सुरक्षा उपकरण, धुआंरोधी टॉर्च, फस्र्ट एंडबॉक्स व गैस मास्क आदि शामिल है।इनकी आवश्यकता होने के बावजूद यहां पर दमकल शाखा को मजबूत नहीं किया जा रहा है।
नगर परिषद का दमकल कार्यालय छावनी में स्थित है। इस कार्यालय से दमकल के निकलने के बाद कई बार जाम की स्थिति में फंस जाती है। शहर के मुय मार्गो पर यातायात का खासा दबाव रहता है। इसके चलते इन्हें निकलने में समय लगता है। ऐसे में कई बार दमकल को घटनास्थल पर पहुंचने में समय लग जाता है। इस स्थिति को देखते हुए शहर के बाहरी क्षेत्र में नया दमकल कार्यालय विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। यह प्रस्ताव भी कागजों से बाहर नहीं निकल सका है।
शहर सहित आस-पास के क्षेत्रों में जनवरी से अप्रेल तक ९४ आगजनी की घटनाएं हुई। इनमें लोढा कॉलोनी में वेन में गैस रिफलिंग करते समय हुआ हादसा भी शामिल है। इस तरह के हादसे आए दिन होते रहते है। ब्यावर दमकल कार्यालय पचास किलोमीटर के क्षेत्र व चार जिलों की सरहद के मध्य में पडऩे से खासा दबाव रहता है।