जानिये क्यों बेंच पर सोना पड़ रहा मरीजों को
ब्यावरPublished: Oct 06, 2018 07:11:18 pm
अमृतकौर चिकित्सालय का आउटडोर बढ़ा, मेल व फिमेल मेेडिकल वार्ड में बेंच पर सोना पड़ रहा मरीजों को, दस्त, सर्दी, खासी व जुकाम के पीडि़त बढ़े
बेंच पर सोना पड़ रहा मरीजों को
ब्यावर. मौसम बदलने के साथ ही मौसमी बीमारी के रोगियों की संया में इजाफा हुआ है। अस्पताल का आउटडोर करीब डेढ हजार के करीब पहुंच गई है। उल्टी-दस्त, सर्दी, खासी व जुकाम के रोगियों की संया में इजाफा हुआ है। मौसमी बीमारी के चलते फिमेल मेडिकल व मेल मेडिकल वार्ड में मरीजों के लिए पलंग भी कम पड़ गए है। ऐसे में बेंच लगाकर मरीजों को सुलाना पड़ रहा है। हालात यह हैकि मरीजों की कतार काउंटर से लेकर दरवााजे के बाहर तक पहुंच रही है। अमृतकौर चिकित्सालय में पाली, राजसमंद, भीलवाडा जिले के ब्यावर से सटे क्षेत्रों के मरीज आते है। यहां पर प्रतिदिन करीब बीस से अधिक मरीज सर्दी-जुकाम के आते है। इसके अलावा उल्टी दस्त के मरीज भी आ रहे है। स्वाइन लू के मरीज भी सामने आ चुके है।
कतार की पीड़ा झेल रहे मरीज
चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को कतार की समस्या से जुझना पड़ रहा है। मरीज के आने पर पर्ची कटवाने के लिए कतार में लगना पड़ताा है। इसके बाद चिकित्सक को दिखाने के लिए फिर से कतार में इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद अगर चिकित्सक जांच लिख दे तो फिर वहां पर भी कतार में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसे में एक मरीज की जांच करवाने में पूरा दिन तक लग जाता है। जबकि कुछ चिकित्सकों के आउटडोर में कक्ष व नाम प्लेट लगी है। अधिकांश समय चिकित्सकों के कक्ष खाली ही नजर आते है।
सफाई व्यवस्था नहीं सुधर रही
अस्पताल में सफाई व्यवस्था का काम तीन अलग-अलग एजेंसियों के पास दे रखा है। इसमें मुय भवन, मदर चाइल्ड विंग एवं अस्पताल परिसर की सफाई का कार्य शामिल है। इसके बावजूद सफाई व्यवस्था सुचारु नहीं हो सकी है। सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए कई बार प्रयास करने के बावजूद सफलता नहीं मिल सकी। हालात यह हैकि अस्पताल के मुय दरवाजे के आस-पास भी गंदगी रहती है।