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बसों में सर्द हवाओं के सह रहे थपेड़े

locationब्यावरPublished: Feb 06, 2019 05:01:25 pm

Submitted by:

tarun kashyap

शिकायत के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई

बसों में सर्द हवाओं के सह रहे थपेड़े

बसों में सर्द हवाओं के सह रहे थपेड़े


ब्यावर. यदि आप रोडवेज की बस में सर्दी के इस मौसम में सफर करने का मानस बना रहे हैं और यदि विंडो सीट मिली है तो फिर आप सर्द हवाओं के थपेड़े सहने को भी तैयार रहिए, क्योंकि रोडवेज की कईं बसों के खिड़की में कांच तो है लेकिन किसी के लॉक या तो टूटे हैं या फिर ढीले हैं। ऐसे में विंडो सीट पर बैठने वालों को लॉक ढीला या टूटा होने की वजह से बार-बार खुलते कांच को बंद करने की ही मशक्कत करनी पड़ती है। रोडवेज प्रबंधन को लॉक के बार-बार खुलने या टूटे होने की शिकायत रोजाना मिल रही है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यात्री रामलाल व विजय कुमार ने बताया कि वे जयपुर से ब्यावर डेली अप डाउन करते है। कई बार ऐसी बसें मिल जाती है, जिनके काच भले ही बंद कर दो लेकिन थोड़ी दूर जाते ही फिर खिड़की के शीशे खुलने लगते है। बार बार बंद करते है लेकिन इनका खुलना बंद नहीं होता।इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पूर्व में खिड़की के शीशे के लॉक लोहे या एल्युमीनियम के थे, मगर अब जो नई बसें आ रही है उनमें लॉक प्लास्टिक के लगे हैं। जो एल्युमीनियम की अपेक्षा कम टिकाऊ है। सर्दी का मौसम है और अभी तो इन बसों में सर्द हवाओं के थपेड़े सहन करने केा मजबूर होना पड़ता है। प्रशासन को इसकी सुध लेनी चाहिए।
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